इंडियन डायमंड इंडस्ट्री के दिग्गज अरुण आर. मेहता का निधन

इंडियन डायमंड इंडस्ट्री के दिग्गज अरुण आर मेहता अब नहीं रहे। ८० साल की आयु में उनका निधन हो गया। अरुणभाई डायमंड इंडस्ट्री के सम्मानित व्यक्तित्व और डायमंड के कारोबारियों के लिए मार्गदर्शक और संरक्षक थे। उनके परिवार में पत्नी राजनिका, पुत्र रसेल और पुत्री अमिता समीर मेहता और अल्पा निशीत कोठारी के साथ बहू मोना और दामाद समीर मेहता और निशित कोठारी तथा पोते-पोतियां हैं।

इंडियन डायमंड इंडस्ट्री के इतिहास में अरुणभाई का महत्वपूर्ण योगदान है। वर्ष १९७० के दशक में अरुणभाई ने डायमंड इंडस्ट्री में सबसे पहले न केवल आधुनिकीकरण का कार्य आरंभ किया और बल्कि रोजी ब्लू नामक एक कंपनी की भी शुरुआत की। उन्होंने अपने विजन और व्यापार कौशल से इंडस्ट्री के अवसरों को आगे बढ़ाते हुए नया मुकाम हासिल किया और बिजनेस में हमेशा हाई इंटिग्रिटी और बिजनेस एथिक्स को प्राथमिकता दी। अपनी रोज़ी ब्लू कंपनी को इंडस्ट्री के प्रति समर्पित किया और उसे एक भरोसेमंद प्रतिष्ठित संस्थान के रुप में आगे बढ़ाया। उन्होंने कई व्यापार संगठनों में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी के साथ साथ पूरी इंडस्ट्री के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया। वह लंबे समय तक भारत डायमंड बोर्स के मैनेजिंग कमेटी के सदस्य रहे। बॉम्बे डायमंड मर्चेंट्स एसोसिएशन के साथ साथ वे द जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) की वर्किंग कमेटी में २० वर्षों तक एक सदस्य के रुप में जुड़े रहे।

अरुणभाई डायमंड इंडस्ट्री में अपने व्यावसायिक कौशल, लंबे अनुभव, ज्ञान, ईमानदारी और मजबूत इच्छाशक्ति के लिए जाने जाएंगे। उन्होंने देश के कई प्रमुख हीरे के कारोबारियों को प्रशिक्षण दिया और उनका मार्गदर्शन भी किया। उनका दृष्टिकोण अत्यंत व्यावहारिक, सरल और प्रभावी था। उन्होंने अपने इसी व्यक्तित्व के कारण अनेक व्यावसायिक मुद्दों और समस्याओं का हल किया। व्यक्तिगत सलाहों और समस्याओं के समाधान कराने में वे हमेशा आगे रहे। उनमें असीम विनम्रता थी। वे अपने जानने वालों और इंडस्ट्री के लोगों के लिए हमेशा तैयार रहते। उनकी समस्याओं की चर्चा करते और उसका हल निकालते। उन्होंने किसी को भी खाली नहीं लौटाया।

अरुणभाई ने अपने जीवन में हमेशा परोपकारी रहे और उन्होंने शिक्षा और चिकित्सा जैसे कारणों का हमेशा समर्थन किया और एक धर्मनिष्ठ जैन के रूप में धर्म को प्रोत्साहित किया। उन्होंने अपने बांसकाठा क्षेत्रों का समुचित विकास किया और अपने पालनपुरी समुदाय के समग्र विकास पर जोर लगाया। उन्होंने कई वर्षों तक पालनपुर समाज केंद्र, मुंबई और विद्यामंदिर ट्रस्ट, पालनपुर के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वे सर किकाबाई प्रेमचंद ट्रस्ट, बनासकांठा जिला केलवनी मंडल और जेम एंड ज्वैलरी नेशनल रिलीफ फाउंडेशन से भी जुड़े रहे।

अरुणभाई ईमानदारी और सेवा विरासत के प्रतिबिंब रहे। डायमंड इंडस्ट्री उन्हें हमेशा उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक योगदानों और उनके जीवन मूल्यों के लिए याद रखेगा।

इंडियन डायमंड ट्रेड ने अरुणभाई के श्रद्धांजलि सम्मान के रुप में १६ जून, २०२०, मंगलवार को मुंबई और सूरत के बाजारों को बंद रखा था।