जेम एवं ज्वेलरी इंडस्ट्री के बीते तीन महीने के कारोबार पर कोरोना का असर दिखा

कोरोना महामारी ने व्यापार करने के तरीके को बदल दिया है। लोगों का मांग पैटर्न ऑफलाइन से ऑनलाइन हो गया है। ग्राहकों की प्राथमिकताएं अब जरुरी वस्तुएं हो गई हैं। लक्जरी, ओवरसीज ट्रेवल, आवभगत पर कम खर्च, डायमंड ज्वेलरी की कम मांग ने पूरे मार्केट सिस्टम को प्रभावित किया है। इसका सीधा असर वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में देखने को मिला। इस तिमाही में जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के चेयरमैन कॉलिन शाह के मुताबिक घरेलू कारोबार प्रभावित हुआ। लेकिन टीकाकरण के व्यापक अभियान के चलते बिजनेस और ग्राहकों का विश्वास दूसरी और तीसरी तिमाही में बहुत जल्द फिर से शुरू हो सकता है। इंडस्ट्री के इस संभावित खराब परिणामों को सुधारने के लिए बैंको ने जेम एवं ज्वेलरी को दिये जाने वाले क्रेडिट में 15 प्रतिशत का इजाफा किया। बैंकों ने यहां मार्च, 21 तक कुल 627 अरब रुपये का क्रेडिट दिया जो जुलाई 2020 में 546 अरब रुपये था।

श्री शाह ने कहा कि सितंबर '20 के महीने में 2.51 बिलियन अमरीकी डालर का अल्प निर्यात हुआ। लेकिन यह निर्यात मार्च'21 में लगभग 36% बढ़कर 3.42 बिलियन अमरीकी डालर प्राप्त करने में कामयाब रहा जो पिछले 3 वर्षों में औसत मासिक निर्यात कारोबार की तुलना में उच्चतर है। चीन और अमेरिका में वित्त वर्ष 2021 की तीसरी और चौथी तिमाही के दौरान पॉलिश किए गए हीरे के निर्यात हिस्सा 75% जितना था।

महामारी से प्रभावित इंडस्ट्री को सपोर्ट करने के लिए बैंकों ने क्रेडिट में बढ़ोतरी की। भारत के प्रमुख डायमंड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशंस ने अपने सदस्यों महामारी को देखते हुए वर्ष 2021 के पहले तीन महीनों के दौरान ओवरसप्ली रोकने और रफ हीरे का आयात बंद करने को कहा।

श्री शाह ने कहा कि माइनर्स (खनिकों) ने सही काम किया। विश्व के सभी खनिकों ने 2020 की पहली छमाही में बिक्री को निलंबित कर दिया और अपने प्रोडक्शन प्लान में 25% से 30% की कटौती की। उन्होंने ने ग्राहकों को अपनी खरीद को स्थगित करने की अनुमति दी क्योंकि उनके राष्ट्र लॉकडाउन में जा रहे थे और रिटेल स्टोर्स तथा सभी प्रमुख ट्रेड शो रद्द हो रहे थे।