डीएमसीसी के दुबई प्रेशियस मैटल्स सम्मेलन ने जिम्मेदाराना सोर्सिंग और टेक्नोलॉजी पर ध्यान केन्द्रित करते हुए किया 11वें संस्करण का समापन

दुनिया के प्रमुख फ्री ज़ोन और गवर्नमेन्ट ऑफ दुबई ऑथोरिटी ऑन कोमोडिटीज़ ट्रेड एण्ड एंटरप्राइज़ ने दुबई प्रेशियस मैटल्स सम्मेलन के 11वें संस्करण का समापन किया। कार्यक्रम का आयोजन यूएई मिनिस्ट्री ऑफ इकोनोमी के साथ साझेदारी में किया गया था।

‘फ्यूचर ऑफ प्रेशियस मैटल्सः ग्लोबल गवर्नेन्स टू ट्रेड ट्रैंड’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम ने कीमती धातुओं के क्षेत्र में जोखिमों एंव चुनौतियों को कम करने के अवसरों पर रोशनी डाली। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार प्रस्तुत किए जैसे ‘गवर्नेन्स एण्ड रिस्पॉन्सिबल सोर्सिंग’, ‘ग्लोबल ट्रेड एण्ड ज्योपॉलिटिकल लैण्डस्केप ऑफ गोल्ड’, ‘मार्केट ट्रैंड्ज़’ और ‘क्लाइमेट चेंज’।

प्रेशियस मैट्ल्स आपूर्ति श्रृंखला में सैकड़ों प्रतिनिधियों ने उद्योग जगत के संगठनों, कारोबारियों, एक्सचेंजेज़, रिफाइनरीज़, टेक कंपनियों और विनियामकों जैसे वर्ल्ड गोल्ड काउन्सिल, यूएई मिनिस्ट्री ऑफ इकोनोमी, लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन, ऑर्गेनाइज़ेशन फॉर इकोनोमिक को-आपरेशन एण्ड डेवलपमेन्ट, यूएन ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स, सीएमई ग्रुप ,बोटिम, सैम प्रेशियस रिफाइनरी और इस्ताम्बुल गोल्ड रिफाइनरी के साथ मुलाकात की।

अहमद बिन सुलायेम, एक्ज़क्टिव चेयरमैन एवं, चीफ़ एक्ज़क्टिव ऑफिसर, डीएमसीसी ने कहा ‘इस साल का दुबई प्रेशियल मैटल्स सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण रहा। डीएमसीसी ने दुनिया भर में कीमती धातुओं से जुड़े विशेषज्ञों को सर्वश्रेष्ठ मंच उपलब्ध कराया है। ज़रूरी है कि हम डीपीएमसी का उपयोग कर, ज़िम्मेदाराना सोर्सिंग और गवर्नेन्स एवं टेक्नोलॉजी अडॉप्शन को बढ़ावा दें और उद्योग जगत में सामुहिक विकास का मार्ग प्रशस्त करें।’’

न्यूयॉर्क टाईम्स के बेस्टसैलिंग लेखक एवं प्रेशियस मैटल्स के विशेषज्ञ जिम रिकार्ड्स द्वारा दिए गए भाषण में ब्रिक्स के विस्तार तथा विश्वस्तरीय अर्थव्यवस्था एवं कीमती धातुओं के बाज़ार पर इनके प्रभाव को विस्तार से कवर किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिक्स 11 कोमोडिटीज़ ट्रेड के लिए महत्वपूर्ण ग्रुप है। वे 12 बड़े तेल उत्पादकों में से छह का प्रतिनिधित्व करते हैं, साथ ही सेंट्रल बैंक के पास मौजूद गोल्ड में और दुनिया के सोने के भंडार में 15 फीसदी योगदान देते हैं।

पहली पैनल चर्चा में नए ज़िम्मेदाराना सोर्सिंग एवं खनन, खनन में टेकनोलॉजी की भूमिका, सामाजिक विकास में निवेश जैसे पहलुओं पर चर्चा की गई।

दूसरी पैनल चर्चा में ब्रिक्स के विस्तार और यूएई के सेपा सहित द्विपक्षीय कारोबार समझौतों पर विचार प्रस्तुत किए गए। इस बात पर रोशनी डाली गई कि कैसे कीमती धातु का कारोबार अन्य कोमोडिटीज़ एवं नॉन-डॉलर करेन्सी में सैटलमेन्ट को बढ़ावा देता है।

इस आयोजन को उद्योग जगत के मुख्य प्लेयर्स जैसे सैम प्रेशियस मैटल्स, गोल्ड स्टैण्डर्ड, वर्ल्ड गोल्ड काउन्सिल, चैक मिंट, आहलाट की मैटल रिफाइनरी, फुलैराह गोल्ड, स्टोन एक्स, एस्ट्रा टेक, एआई एथिहाड गोल्ड, ब्लेज़ मैटल्स, अशोक ग्लोबल, सीएमई ग्रुप नेशनल बैंक ऑफ फुजैराह, ट्रांसगार्ड, एमिरात्स मिंटिंग, मालाबार गोल्ड एण्ड डायमण्ड्स, एमिरात्स एनबीडी, ब्रिंक्स, एकेडब्ल्यू कन्सलटेन्ट, नमोह, जेमकोर्प, बुलियन 247, गोल्ड एक्सचेंज, कोमटेक गोल्ड, मैटल्स फाकस और द न्यू ज्वैलर का समर्थन प्राप्त है।