जीआईए इंडिया ने जीआईए ग्रेजुएट डायमण्ड्स डिप्लोमा प्रोग्राम और जीआईए ग्रेजुएट डायमण्ड्स डिप्लोमा प्रोग्राम (ब्लेंडेड) के बैचेज़ के लिए आयोजित की ग्रेजुएशन सेरेमनी
वंदना एम जगवानी, जीआईए डायमण्ड्स ग्रेजुएट और लैब में विकसित हीरों के आभूषणों के ब्राण्ड वंदल्स की संस्थापक इस अवसर पर मुख्य अतिथि थीं

जीआईए इंडिया ने अपने मुंबई परिसर में जीआईए ग्रेजुएट डायमण्ड्स डिप्लोमा प्रोग्राम और जीआईए ग्रेजुएट डायमण्ड्स डिप्लोमा प्रोग्राम (ब्लेंडेड) के बैचेज़ के लिए ग्रेजुएशन सेरेमनी का आयोजन किया। वंदना एम जगवानी, जीआईए डायमण्ड्स ग्रेजुएट और लैब में विकसित हीरों के आभूषणों के ब्राण्ड वंदल्स की संस्थापक इस अवसर पर मुख्य अतिथि थीं। साथ ही इस अवसर पर श्रीराम नटराजन, मैनेजिंग डायरेक्टर, जीआईए इंडिया और अपूर्वा देशिंगकर, सीनियर डायरेक्टर- एजुकेशन एवं मार्केट डेवलपमेन्ट भी मौजूद थे।


वंदना एम. जगवानी, जीआईए डायमण्ड्स ग्रेजुएट और संस्थापक, वंदल्स; श्रीराम नटराजन, मैनेजिंग डायरेक्टर, जीआईए इंडिया; अपूर्वा देशिंगकर, सीनियर डायरेक्टर- एजुकेशन एवं मार्केट डेवलपमेन्ट, जीआईए इंडिया और जीआईए इंडिया इंस्ट्रक्टर, एक इंटरैक्टिव चर्चा में।

ग्रेजुएशन सेरेमनी के दौरान इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन हुआ, जिसमें वंदना ने लैब में बने हीरों के नए रूझानों, रत्न एवं आभूषण उद्योग में अपस्किलिंग एवं अनुसंधान के महत्व के बारे में बताया। वंदना ने प्रोग्राम पूरा करने के लिए छात्रों को बधाई दी और कहा, ‘‘मैं खुद जीआईए की एल्युमनाई हूं, यहां फिर से वापस आकर बहुत अच्दा लग रहा है। हीरों के बारे में सीखने के लिए जीआईए से बेहतर कोई और संस्थान नहीं हो सकता। जीआई हीरों को सबसे अच्छी तरह जानता है। आज इस उद्योग में अपार संभावनाएं हैं। ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों पर मुझे गर्व है और मैं आप सभी को शुभकामनाएं देती हूं।’

छात्रों को सम्बोधित करते हुए श्रीराम नटराजन ने कहा, ‘‘जीआईए छात्रों को रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए तैयार करता है। रत्न एवं आभूषण में उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने का हमारा लम्बा इतिहास है। हमें विश्वास है कि हमारे छात्र हमारे इस मिशन को पूरा करेंगे।’

अपूर्वा देशिंगकर ने कहा, ‘‘हमें ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों पर गर्व है। मैं वंदना के प्रति आभारी हूं, जिन्होंने लैब में बने हीरों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। जीआईए पिछले छह दशकों से लैब में बने हीरों पर अध्ययन कर रहा है। तब से हमने इस क्षेत्र में अनुसंधान के नए मानक स्थापित किए हैं। जीआईए में हमारा मानना है कि हीरे चाहे प्राकृतिक हों या लैब में बने- इनमें पूरी पारदर्शिता होनी चाहिए। हमें विश्वास है कि उपभोक्ताओं का भरोसा जीतने के हमारे मिशन को हमारे छात्र जारी रखेंगे।’

मेघ नलिन वायदा, जो अब जीआईए डायमण्ड ग्रेजुएट हैं, ने कहा, ‘‘मैं अपने पिता की फर्म में काम करता था, तभी मैंने महसूस किया मुझे हीरों के बारे में सीखना चाहिए। मैंने यह कोर्स सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, यह मेरी उम्मीदों से कहीं बढ़कर था!’’

अभिलाषा अग्रवाल, जो भी जीआईए डायमण्ड ग्रेजुएट हैं, ने कहा, ‘‘मैं रत्न एवं आभूषण उद्योग से नहीं हूं। मुझे मेरे एक दोस्त ने जीआईए के बारे में बताया। उन्होंने मुझे यहां से जीआईए ग्रेजुएट डायमण्ड्स डिप्लोमा प्रोग्राम (ब्लेंडेंड) करने की सलाह दी। यह कोर्स बहुत मददगार साबित हुआ। कोर्स का प्रेक्टिकल हिस्सा बहुत ही अच्छा था।’



जीआईए ग्रेजुएट डायमण्ड डिप्लोमा प्रोग्राम के छात्र सर्टिफिकेट के साथ

बाएं से दाएं: अपूर्वा देशिंगकर, सीनियर डायरेक्टर- एजुकेशन एण्ड मार्केट डेवलपमेन्ट, जीआईए इंडिया; वंदना एम जगवानी, जीआईए डायमण्ड्स ग्रेजुएट और संस्थापक वंदल्स और जीआईए इंडिया इंस्ट्रक्टर





जीआईए ग्रेजुएट डायमण्ड डिप्लोमा प्रोग्राम (ब्लेंडेड) के छात्र सर्टिफिकेट के साथ

बाएं से दाएं: अपूर्वा देशिंगकर, सीनियर डायरेक्टर- एजुकेशन एण्ड मार्केट डेवलपमेन्ट, जीआईए इंडिया; वंदना एम जगवानी, जीआईए डायमण्ड्स ग्रेजुएट और संस्थापक वंदल्स और जीआईए इंडिया इंस्ट्रक्टर