जीजेईपीसी इंडिया ने स्वर्णकारों के लिए ज्वैलरी डिजाइन अवार्ड २०१४ की घोषणा की

आभूषणों के साथ सिनेमा के १०० वर्ष को मनाया

रत्न एवं आभूषण क्षेत्र की शीर्ष संस्था रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद (जीजेईपीसी), जो कि भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के नेतृत्व में काम करता है, ने ‘आर्टिजन ज्वैलरी डिजाइन अवाड्र्स २०१४‘ की घोषणा की है। यह पुरस्कार दिसंबर २०१४ में दिया जाएगा।

आभूषण के निर्माण में कारीगरी, नव प्रवर्तन और वैयक्तिक प्रतिभा को निखारने के लिए इस पुरस्कार का आयोजन किया जा रहा है ताकि कारीगरों को उचित सम्मान मिल सके। इस पुरस्कार से आभूषण के डिजाइनरों को अपनी क्रिएटिविटी और डिजाइन की सौम्यता को और निखारने में मदद मिलेगी ताकि वह भारत में ही वल्र्ड क्लास पीस तैयार कर सके। इस पुरस्कार में प्रतिभाशाली डिजाइनरों से प्रविष्टि मंगाई जाएगी।

फैशन की दुनिया में एक नाम बन चुकीं और जीजेईपीसी की ब्रांड एम्बेसेडर सोनम कपूर का कहना है ‘मेरा मानना है कि आभूषण किसी व्यक्ति की अभिव्यक्ति है। जीजेईपीसी का कारीगरों को सम्मानित करने का विचार बेहद शानदार है इसे डिजाइनरों को एक ऐसा प्लेटफार्म मिलेगा जिससे उसकी हौसला आफजाई होगी। इससे उसकी प्रतिभा निखारने में भी मदद मिलेगी। यह एक ऐसा अवसर होगा जबकि कि उभरते डिजाइनर आज की मिहला के लिए बेहतरीन डिजाइन बना सके।‘

जीजेईपीसी के अध्यक्ष श्री विपुल शाह ने इस अवसर पर कहा ‘भारतीय सिनेमा में यहां के जीवन और संस्कृति की झलक मिलती है। यह एक ऐसी विधा है जो कि हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूती है। मैं इस प्लेटफार्म को आभूषण डिजाइन करने वालों को उपलब्ध कराना चाहता हूं कि ताकि वह अपनी प्रतिभा जजों के पैनल के समक्ष दिखा सके और स्टारडम के रास्ते पर आगे बढ़ सके।‘

राष्ट्रीय प्रदर्शनी विभाग के संयोजक श्री मिलन चोक्स ने इस अवसर पर कहा ‘कारीगरों को पुरस्कार देने का विचार डिजाइनरों को सशक्त बनाने का एक जरिया है। यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसके सहारे वह आभूषण उद्योग में अपनी प्रतिभा बेहतर ढंग से दिखा सके। हमारा विेशास है कि इस पुरस्कार के जरिये भारतीय सिनेमा के बीते हुए काल को भी याद कर सकेंगे।‘

इसके तहत चार श्रेणियां बनाई गई हैं- मोनोक्रोमेटिक इरा, गोल्डन इरा, कलरामा इरा और अवन्त गार्डे इरा। हर श्रेणी में चार फिल्मों को शार्टलिस्ट किया जाएगा और उसी के आधार पर डिजाइनरों को अपना स्केच पेश करना होगा। यह प्रतिस्पर्धा का पहला राउंड होगा। मोनोक्रोमोटिक इरा के तहत हीरे और मोतियों से खचित कीमती धातुओं के आभूषण काले और सफेद रंग में होंगे। गोल्डन इरा के तहत भारतीय महिलाओं का पीली धातु के प्रेम को दिखाया जाएगा। कलरामा इरा के तहत आभूषणों में कई रंगों के कीमती धातु और कीमती पत्थरों का चलन शुरू हुआ , जिसे फिर से उकेरा जाएगा। अवेंट गारडे इरा के तहत पेशेवर डिजाइन में दुनिया में चल रही तकनीक के इस्तेमाल और किसी गहने के निर्माण में पाथ ब्रेकिंग डिजाइन का इस्तेमाल दिखाया जाएगा।

इस पुरस्कार में डिजाइन, क्रिएटिविटी, आभूषण और ग्लैमर तो दिखेगा ही, इसमें भारतीय सिनेमा को एक श्रद्धांजलि भी दी जाएगी। हर श्रेणी के लिए अलग अलग नियम होंगे जिसका पालन जज सुनिश्चित करेंगे। किसी खास स्केच को शार्टलिस्ट करने के बाद चार सदस्यों की टीम पुरस्कार के लिए विशेष स्केच का चयन पुरस्कार के लिए करेगी।