यस बैंक ने जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री के सपोर्ट में जीजेईपीसी से समझौता किया

यस बैंक ने जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री के सपोर्ट में जीजेईपीसी के साथ समझौता किया है। अपनी तरह के इस पहले समझौते पर जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह और यस बैंक के नॉलेज बैंकिंग यूनिट के कार्यकारी उपाध्यत्र अविनाश चंद्र ने जीजेईपीसी के वस्टर्न रीजन के रीजनल चेयरमैन अशोक गजेरा, जीजेईपीसी के एमएसएमई सब-कमेटी के संयोजक मनीष जिवानी, जीजेईपीसी के ईडी सब्यसाची रे, यस बैंक के मयंक राणा, कार्यकारी उपाध्यक्ष और क्षेत्रीय बिक्री प्रमुख - व्यापारी अधिग्रहण, और यस बैंक के अभिषेक अग्रवाल, कार्यकारी उपाध्यक्ष और प्रमुख - व्यापारी अधिग्रहण की उपस्थिति में हस्ताक्षर किये।

इस अवसर पर जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री में यस बैंक के विश्वास के लिए मैं जीजेईपीसी की ओर से धन्यवाद देता हूं। इंडस्ट्री के सदस्यों को इस सपोर्ट से बड़ी राहत होगी। पिछले १८ महीनों में, इंडियन जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री के बैंक ऋण मार्च २०१९ के १०.४४ बिलियन डॉलर से २६% घटकर अक्टूबर २०२० में ७.७५ बिलियन डॉलर हो गई है। कोविद महामारी का इंडस्ट्री कोई कमी हुई है, इसलिए जरुरी है कि इस सेक्टर में अनुपालन को बढ़ाकर इसके आत्म-नियमन के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बैंकों द्वारा जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री को ऋण सहायता १७ प्रतिशत कम हुई। यह सहायता अक्टूबर २०१८ में ९,३३४ करोड़ रुपए थी जो अक्टूबर २०२० में घटकर ५७,३७४ करोड़ रुपए ही रही। इसका हमारे निर्यात कारोबार पर असर पड़ा। हमारी इंडस्ट्री के लिए बैंक फाइनेंस लाइफ लाइन है। इसलिए इसे आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा फाइनेंस की जरुरत होगी ताकि इसके निर्यात को अगले स्तर तक ले जाया जा सके।

यस बैंक के अधिकारियों ने गोल्ड मेटल लोन / क्रेडिट प्रोडक्ट्स / डायमंड खातों से संबंधित विशिष्ट व्यावसायिक उत्पादों को लाने का आश्वासन दिया जिससे कि जेम और ज्वैलरी इंडस्ट्री को बड़े पैमाने पर लाभ मिल सके। बैंक के अधिकारियों ने दो खास उत्पादों पर जोर दिया जिसमें से एक खुदरा दुकानों पर पीओएस मशीन के जरिए क्यूआर कोड से भुगतान करने और दूसरा क्रेडिट कार्ड पर रिवार्ड पाइंट्स से संबंधित होंगे। इन रिवार्ड पाइंट्स को कारोबारी अपने परिवार के साथ साझा कर सकते हैं। इनके अलावा, बैंक ने कई और सुविधाएँ भी देने का आश्वासन दिया है।

जीजेईपीसी और यस बैंक में हुए समझौते की मुख्य बातें निम्नलिखित हैः

क) बैंक अपनी आंतरिक प्रक्रिया और क्रेडिट मूल्यांकन के मुताबिक जीजेईपीसी के सदस्यों को उनकी पात्रता के अनुसार विभिन्न ऋण उत्पादों के माध्यम से वित्तीय सहायता की पेशकश करेगा, जिनमें सरकारी योजना और लाभ, ब्याज सब्वेंशन स्कीम, क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट स्कीम, क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम, एक्जिम विशिष्ट व्यापार खाते आदि शामिल होंगे।

ख) बैंक जीजेईपीसी के सदस्यों को विभिन्न वेबिनार, ज्वाइंट न्यूज लेटर, रिपोर्ट आदि से जागरुक करता रहेगा और उन्हें सभी नई जानकारियां और बैंकिंग समाधानों अवगत कराता रहेगा। साथ ही उन्हें यह भी बतायेगा कि बैंक कैसे क्रेडिट मूल्यांकन और अन्य आकलन करते हैं।

ख) जीजेईपीसी के साथ मिलकर यस बैंक सतत वेबिनार का आयोजन करके डिजिटलीकरण प्रक्रियाओं, व्यापार लेनदेन, सलाहकार सेवाओं, पीओएस, कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा पैकेज और सदस्यों को ज्ञान और सूचना प्रदान करेगा। इसके लिए बैंक या फिर बाहर के विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जा सकता है। इसका मकसद कोविद महामारी से बिजनेस को बचाना है।

ग) बैंक जीजेईपीसी के सदस्यों को पीओएस मशीन और बिजनेस कार्ड के नामांकन के समय जीजेईपीसी द्वारा निर्दिष्ट कारोबारी को स्पेशल प्राइसिंग प्रदान कर सकता है। इस तरह की स्पेशल प्राइसिंग प्रभावी एमओयू की तारीखों से निश्चित समय की अवधि के लिए मान्य होगी। बैंक इसे बिना किसी पूर्व सूचना के बदल भी सकता है।

घ) बैंक जीजेईपीसी और उसके सदस्यों के साथ संपर्क के लिए विशिष्ट अधिकारियों की टीम नियुक्त करेगा, जो बैंक के उत्पादों के बारे में सतत जानकारी देंगे।

ङ) बैंक एमएसएमई की सहायता के लिए जीजेईपीसी के निर्यातक सदस्यों को दैनिक लेन-देन, बचत लागत, सलाहकार, जोखिम को कम करने, करेंसी मूवमेंट और उसमें निहित जोखिम से अवगत कराएगा।