जेम एंड ज्वैलरी की समस्याओं के हल के लिए वित्त मंत्रालय एक विशेष समूह का गठन किया

वित्त मंत्रालय ने जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री की समस्याओं और विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए एक विशेष समूह का गठन किया है। गत 18 अगस्त को वित्त मंत्रालय और जीजेईपीसी के प्रतिनिधियों के बीच हुई एक वर्चुअल रिव्यू मीटिंग में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने जेम एंड ज्वैलरी सेक्टर से संबंधित सभी मुद्दों को हल करने के लिए एक विशेष समूह बनाने का फैसला किया। इस समूह में कस्टम और बैंकिंग अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। इस अवसर पर वित्त मंत्री ने कहा कि यदि जेम एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री को इस विशेष समूह से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो मामले को वित्तमंत्री तक लाया जा सकता है।

बैठक में वित्त मंत्री सुश्री निर्मला सीतारमण के साथ संदीप भटनागर, सदस्य सीमा शुल्क; जी डी लोहानी, जेएस टीआरयू; कॉलिन शाह, अध्यक्ष, जीजेईपीसी; विपुल शाह, उपाध्यक्ष, जीजेईपीसी; सब्यसाची राय, कार्यकारी निदेशक, जीजेईपीसी, ने भाग लिया।

इस रिव्यू मीटिंग के लिए वित्त मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि जेम एंड ज्वैलरी सेक्टर के निर्यात में कुछ सुधार दिखने लगा है। अमेरिका, यूरोप और चीन के बाजार खुल गये हैं, इसलिए हमें इसे और गति मिलने की उम्मीद है। उन्होंने इंडस्ट्री के समस्याओं के हल के लिए वित्तमंत्री द्वारा विशेष कार्यसमूह बनाने का स्वागत किया और आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस जेम एंड ज्वैलरी सेक्टर की चिंताएं औऱ दिक्कतें दूर होंगी और बिजनेस करने आसानी होगी।

पिछली बैठक में जीजेपीईसी द्वारा अनेक मुद्दे रखे थे जिसमें एसएनजेड, मुंबई के माइनर्स द्वारा रफ हीरों के डायरेक्ट सेल, पॉलिश किये हीरों पर आयात शुल्क 7.5% से घटाकर 2.5% तक करना, बी 2 बी इंटरनेशनल डायमंड नीलामी के लिए ऑनलाइन समानकरण लेवी पर स्पष्टता, एसईजेड में रिवर्स जॉब वर्क और जीएसटी आदि के मुद्दे शामिल थे।

मुंबई के एसएनजेड के माइनर्स द्वारा रफ हीरे के डायरेक्ट सेल के बारे में अधिकारियों ने कहा कि इस मुद्दे की फिलहाल जांच चल रही है और आगामी बजट में वित्त अधिनियम में इसके कुछ प्रावधान होंगे। ट्रांसफर प्राइसिंग कमेटी इस मुद्दे की जांच कर रही है और जल्द ही इसके कुछ समाधान होंगे।

कॉलिन शाह ने कहा कि एसईजेड में रिवर्स जॉब के काम की फिलहाल अनुमति नहीं है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि डीओसी और राजस्व विभाग के बीच चर्चा चल रही है। इस पर अंतिम विचार किया जाएगा। इस बारे में बाबा कल्याणी की रिपोर्ट का आकलन चल रहा है।

बी 2 बी इंटरनेशनल डायमंड नीलामी के लिए ऑनलाइन समानकरण लेवी पर स्पष्टीकरण पर जेएस टीआरयू ने उल्लेख किया कि ईएल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से की गई सभी बिक्री पर लागू होता है, और इस समय यह बी 2 बी लेनदेन पर भी लागू होता है। ऑनलाइन लेनदेन ईएल के दायरे में आते हैं।

जीजेईपीसी के ईडी सब्यसाची रे ने एक स्पष्टीकरण के लिए अनुरोध करते हुए कहा कि चूंकि रफ डायमंड के आयात पर कोई आयात शुल्क नहीं है, इसलिए इसपर ईएल के लागू होने से हमारे कारोबार में बाधा आएगी औऱ यह इंडस्ट्री के लिए एक झटका होगा।

आरएमएस के संबंध में कॉलिन शाह ने बताया कि 50000 अमेरिकी डॉलर से कम के माल का मूल्यांकन नहीं होना चाहिए, साथ ही प्रमाणपत्रों के लिए आए सामानों को भी मूल्यांकन से छूट दी जानी चाहिए।