एमसीएक्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी की एक्सचेंज के लिए प्राथमिकताएं
श्री मृगांक परांजपे
एमसीएक्स के नव नियुक्त प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)


एमसीएक्स के नव नियुक्त प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मृगांक परांजपे ने आज यहां एक्सचेंज के विजन, प्राथमिकताओं और विभिन्न विषयों पर अपना रुख स्पष्ट किया।

श्री परांजपे ने कहा कि एक्सचेंज जुलाई २०१३ के बाद कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (सीटीटी), एनएसईएल में भुगतान संकट और एक्सचेंज के संचालन के फॉरेंसिक ऑडिट के मद्देनजर कई वरिष्ठ कर्मचारियों के बाहर जाने से संबंधित अनेक चुनौतियों का सामना दृढ़ता से कर चुका है। आज एक्सचेंज के सामने विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसके ठोस एवं मजबूत आधार है। पीडब्लूसी की रिपोर्ट और उसके सुझावों का यहां पालन हो रहा है और अब समय आ गया है कि हम विकास के अगले चरण के लिए अपने आपको तैयार करें। श्री परांजपे मीडिया को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हालांकि उपरोक्त कारकों के चलते कमोडिटी की कीमतों के घटने से एक्सचेंज के कारोबार में भारी गिरावट आई।एक्सचेंज का औसत दैनिक कारोबार समय के साथ स्थिर हुआ और यह नवंबर २०१३ के बॉटम से मई २०१६ में ६१ प्रतिशत अधिक हो चुका है। इसका मार्केट शेयर भी वर्ष २०१४-१५ के ८४.१ प्रतिशत से बढकर ८४.३ प्रतिशत पर पहुंच चुका है।

सितंबर २०१५ में वायदा बाजार आयोग (एफएमसी)के सेबी में विलय पर श्री परांजपे ने कहा किनियामकों के इस विलय ने भारत में कमोडिटी बाजार का परिदृश्य बदल दिया है। इस विलय से कमोडिटी डेरिवेटिव्स मार्केट में नए उत्पादों का मार्ग खुला है और इस मार्केट में बैंकों, म्युचुअल फंड और बीमा कंपनियों जैसे संस्थानों की भागीदारी की संभावना बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सेबी जैसे मजबूत बाजार नियामककी उपस्थिति सभी हितधारकों में बाजार के प्रति विश्वास का निर्माण करने में मदद मिलेगीऔर कमोडिटी मार्केट कारोबारियों के लिए यह और अधिक आकर्षक हो जाएगा तथा कमोडिटी और सेक्युरिटीज मार्केट को विकास के लिए बराबरी का मौका मिलेगा।

उन्होंने एक्सचेंज में प्रयुक्त टेक्नोलोजी और मानव संसाधन (एचआर) जैसे दो सबसे महत्वपूर्ण तत्वों पर जोर देते हुए कहा कि इन दो कारकों के कारण ही एमसीएक्स ने गत वर्षों के दौरान अपने निर्विवाद नेतृत्व को सुनिश्चित किया। एक्सचेंज इन दोनों कारकों पर ध्यान केंद्रित करके आगे विकास के अवसरों पर काम करेगा और प्रतिस्पर्धात्मक चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा। उन्होंने कहा किपिछले एक साल में पांच वरिष्ठ प्रबंधन कर्मियों की नियुक्ति के साथ कर्मचारियों की संख्या में १४ फीसदी की वृद्धि हुई है।

टेक्नोलोजी पर उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल टेक्नोलोजी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एमसीएक्स का फाइनेंशियल टेक्नोलोजीज के साथ वर्ष २०२२ तक टेक्नोलोजी प्रदाता के रुप में करार है। उन्होंने कहा कि एमसीएक्स स्पीड और सौदों के व्यवस्थित निष्पादन के मामले में सॉफ्टवेयर अपग्रेडेशन में बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर काम कर रहा है। श्री परांजपे ने को-लोकेशन के बारे में कहा कि फिलहाल कमोडिटी एक्सचेंजों में इसकी अनुमति नहीं है, हालांकि, कंपनी अपने सदस्यों के लिए हाई-बैंडविथ पाइंट टू पाइंटलीज्ड लाइनों(१ जीबीपीएस प्लस) को उपलब्ध कराने के लिए बातचीत कर रही है। इसके अलावा, अपनी क्षमता बढ़ाने के उपायों के मद्देनजर एक्सचेंज ने अपने डिजास्टर रिकवरी साइट आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ साथ उसकी गणना और भंडारण क्षमता को उन्नत किया है।इसके अलावा, एमसीएक्स ने शून्य डेटा लॉस को भी प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन साइट स्थापित किया है।

नए उत्पादों के लांच के बारे में उन्होंने कहा कि एक्सचेंज ऑप्शंस और इंडाइसेस जैसे नए डेरिवेटिव उत्पादों को लांच करने के लिए तैयार है। एक्सचेंज ने सेबी के पास नियामक विचार के लिए अपने नए उत्पादों की सूची भेजी है जिसमें कृषि उत्पादों को भी शामिल किया गया है। एसएमई सेगमेंट के हेजर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए एक्सचेंज बेस मेटल के कांट्रैक्टों में डिलिवरेबल संभावनाओं को तलाश रहा है। उन्होंने कहा कि एमसीएक्स की टेक्नोलोजी ऑप्शंस के शुरु किए जाने से संबंधित सभी अनुमानों के लिए पूरी तरह से तैयार है।

क्लियरिंग कॉरपोरेशन शुरु करने के बारे में श्री परांजपे ने कहा कि हालांकि सेबी ने इसे शुरु करने के लिए तीन साल समय दिया है। इसके लिए टेक्नोलोजी और पर्याप्त नकदी के साथ एक्सचेंज इसे अनिवार्य समय से पहले अच्छी तरह सेपरिचालित करने के लिए तैयार है।

एमसीएक्स द्वारा किए जा रहे वित्तीय साक्षरता और जागरूकता की पहल पर प्रकाश डालते हुए एमसीएक्स के नए एमडी एवं सीईओ ने कहा कि देश भर के संभावित हेजर्स तक पहुंचने के लिए यह एक उत्कृष्ट माध्यम है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान एमसीएक्स ने ९३१ जागरुकता प्रोग्रामों का आयोजन किया जिसमें लगभग ३७५ जागरूकता कार्यक्रमहेजर्स के लिए थे। इन प्रोग्रामों का उद्देश्य रोजगार को बढ़ाना और कमोडिटी हितधारकों का सशक्तिकरण करना था। जागरूकता प्रसार के उद्देश्य, वित्तीय समावेशन को बढ़ाने और प्रशिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण को ध्यान में रखते हुए एमसीएक्स ने १० शैक्षिक संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया हैं। इसमें कई और पाइपलाइन में हैं। एक्सचेंज एक सर्टिफिकेशन प्रोग्राम भी चला रहा है। इसका मकसद भी आम जनता तक पहुंचना है। इसके शैक्षिक प्रोग्राम हिंदी और गुजराती के अलावा अंग्रेजी में भी आयोजित किये जाते है।

उन्होंने आगे कहा किएक्सचेंज का कॉरपोरेट जगत में कमोडिटी के मूल्य जोखिम प्रबंधन के लिए सारे मॉड्यूल पेश करने का इरादा है।उन्होंने यह भी कहा कि जैसे सेबी ने सालाना रिपोर्ट में कमोडिटी मूल्य जोखिम और हेजिंग प्रथाओं के लिए कॉरपोरेट्स की सूची को अनिवार्य कर दिया है, एमसीएक्स को पूरा विश्वास है कि इससे आने वाले समय में बेहतर कॉरपोरेट गवर्नेंस और पारदर्शिता आएगी।

अन्य एक्सचेंजों कमोडिटी सेगमेंट के बारे में सेबी के अनुमोदन के बाद होने वाले प्रतिस्पर्धा पर उन्होंने कहा कि उनका एक्सचेंज उन सबकुछ को अपनाने को तैयार है जिससे कि उपभोक्ताओं और भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ हो। श्री परांजपे ने कहा कि नए सेगमेंग में नई संभावनाओं के व्यापक अवसर मिलेंगे।

श्री परांजपे ने कहा कि उभरते हुए व्यापक आर्थिक वातावरण एमसीएक्स के विकास के लिए काफी अनुकूल है।अगले कुछ महीनों में जीएसटी के रोलआउट की उच्च संभावनाओं के मद्देनजर और भारतीय विनिर्माण की अनुमानित वृद्धि दर के साथ, कमोडिटी डेरिवेटिव्स के लिए मांग स्वाभाविक रूप से बढ़ेगी।

उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी टीमउच्च विकास पथ पर एक्सचेंज चलाने में सक्षम है और उनके सहयोग से एक्सचेंज भारत का सबसे बड़ा एक्सचेंज होने के नाते कमोडिटी डेरिवेटिव्स मार्केट में प्रभावशाली गहनता और हेजिंग की संभावनाओं को व्यापक और समग्र बनाने में प्रभावी ढंग से योगदान कर सकता है जिससे किए बाजार में समावेशन को बल मिले।