देवड़ा भंडारी कार्पोरेशन पर आईटी सर्वे

देवड़ा भंडारी कार्पोरेशन पर आईटी सर्वे : बताया १ ऑफिस और निकले चार मंजिले दो इमारत, करोड़ों की नकदी और हीरे जब्त, गैरकानूनी ७०० स्कैनिंग मशीनें पाई गईं कंपनी के अहाते में प्रवेश न देने के कारण आईटी अधिकारी दीवार फांद कर अंदर घुसे।

आईटी इन्वेस्टिगेशन विंग ने गुरुवार को सूरत के वराछा मिनी बाजार स्थित देवड़ा भंडारी कॉर्पोरेशन के तीन कार्यालयों पर एकसाथ छापा मारा। छापे में अधिकारियों ने पहले दिन १.५० करोड़ रुपए के बिनहिसाबी नकद और १० लाख रुपए मूल्य के हीरे जब्त किये। छापे की कार्रवाई दूसरे दिन भी चलती रही। दूसरे दिन भी अधिकारियों ने १.२५ करोड़ रुपए नकद और २५ लाख रुपए मूल्य के और हीरे अपने कब्जे में लिये। गौरतलब है कि कंपनी ने अपने बही खाते केवल एक ऑफिस का जिक्र किया था। लेकिन जब आईटी के ५० अधिकारी यहां सर्च के लिए पहुंचे तो उन्हें चार मंजिलों की दो इमारतों का पता चला। इन इमारतों में तकरीबन ६०० से ७०० हीरे की स्कैनिंग मशीनें लगी हुई हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है। कंपनी पर बड़ी कर चोरी की आशंका जताई जा रही है।

देवड़ा भंडारी कार्पोरेशन के पांच भागीदार प्रवीण लखाणी, आशिष देवड़ा, धवल देवड़ा, धनश्याम भंडारी और रादरिया हैं। लेकिन सर्च के दौरान केवल एक ही भागीदार प्रवीण लखाणी आईटी अधिकारियों के सामने उपस्थित रहा। दूसरे भागीदार अपने फोन स्विच ऑफ करके मौके से फरार हो गये।

आईटी अधिकारी दोपहर के समय जब सर्च के लिए पहुंचे, तब उन अधिकारियों को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। आईटी अधिकारी दीवार फांदकर परिसर में पहुँचे। आईटी अधिकारी स्कैनिंग मशीन की अनसोल्ड डेटा एकत्र कर रहे हैं और इन मशीनों को किसको बेचा गया है, उसका विवरण जुटा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन मशीनों को एक इज़राइली कंपनी द्वारा निर्यात की गई है।

क्या होती है स्कैनिंग मशीन

अधिकारियों ने कहा कि रफ डायमंड को पहले स्कैन किया जाता है और फिर उसकी कटिंग और पॉलिशिंग करने का तरीका तय किया जाता है। सूरत की अधिकांश कंपनियाँ इस स्कैनिंग मशीन का उपयोग करती हैं। बड़ी कंपनियां इस तरह की मशीनों को सीधे इजरायली कंपनियों से मंगाती हैं। अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा फर्म में इस बात की जांच की जा रही है कि क्या वह इन मशीनों को बेचती थी या खुद इन मशीनों को बनाती थी।

इन मशीनों की कीमत प्रत्येक की १ करोड़ रुपए है। कंपनी इनके खरीदारों को मशीन की डिलिवरी नहीं देती थी। उनसे कहती कि मशीन उनके परिसर में ही रहेगी और जो भी उनका स्कैन होगा उसे करके दी जाएगी। आईटी अधिकारियों को आशंका है कि इन मशीनों को ज्यादातर लोगों ने नकदी में खरीदा है और उसका खुलासा नहीं हो रहा है।

१९ करोड़ रुपये का कारोबार दिखाया

देवड़ा भंडारी कार्पोरेशन द्वारा १९ करोड़ रुपये का आईटी रिटर्न दाखिल किया जाता था और उसपर आठ से नौ लाख रुपये का लाभ दिखाया जाता था। अब अधिकारियों को दोनों इमारतों में तकरीबन ४०० लोग काम करने और टर्नओवर दोगुना होने का संदेह है जबकि कंपनी अपने खाते में केवल जॉब वर्क ही बता रही थी।

सर्वे में बहुत समय लगा

अधिकारियों ने वराछा में स्थानीय मुखबिरों की मदद से पहले से पता लगा लिया था कि फर्म के पास एक नहीं बल्कि तीन कार्यालय हैं। यह पता लगाने के बाद ही सर्च किया गया। उन्हें यह भी पता था कि दिवार में कितने गेट्स हैं, दीवार कितनी ऊंची है। इसके लिए सूरत, वापी और वडोदरा से टीमें बुलाई गईं थीं। अधिकारियों को शुरू में परिसर में जाने की अनुमति नहीं दी गई, इसलिए अधिकारी दीवार पर चढ़ गए। अधिकारियों ने कहा कि कंपनी के कर्मचारियों के व्यवधान के कारण सर्च शुरू करने में अधिक समय लगा।

एक चिठ्ठी के आधार पर दो साल की जांच के बाद पड़े छापे

आईटी अधिकारियों ने वर्ष २०१९ में एक हीरे की कंपनी पर छापा मारा था, जिसमें एक पत्र मिला था। उस पत्र में एक करोड़ की मशीन नकद में खरीदने की बात कही गई थी। आईटी में इसकी खोजबीन दो साल तक चली थी।