भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA द्विपक्षीय रत्न और आभूषण व्यापार को 2 अरब डॉलर तक बढ़ाएगा

भारत सरकार ने महामारी के बाद एक बार फिर से रत्न तथा आभूषण उद्योग जगत को ट्रेक पर लाने के लिए सफल रही है- पहले भारत-यूएई CEPA, जिसने UAE में रत्न तथा आभूषण के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि की और अब भारत- ऑस्ट्रेलिया इकोनोमिक कोरोपोरेशन और ट्रेड एग्रीमेट (ECTA)से, जिसे हालही में ऑस्ट्रेलिया संसद से मंजूरी मिली है। इस ऐतिहासिक भारत- ऑस्ट्रेलिया ट्रेड एग्रीमेंट से लाखों डॉलरों के व्यपार को बढ़ावा देगा औऱ अतिरिक्त व्यापार के दरवाजे के खुलने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2021-22 में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच रत्न और आभूषण वस्तुओं के लिए 1.3 बिलियन अमरीकी डालर का महत्वपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार हुआ है। ऑस्ट्रेलिया को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में प्लेन गोल्ड ज्वेलरी, स्टेडड ज्वेलरी, कट और पॉलिशड डायमंड शामिल है। ऑस्ट्रेलिया से आयात की जाने वाली प्रमुख कीमती धातुए जैसे गोल्ड औऱ सिल्वर बार है।

जीजेईपीसी के अध्यक्ष विपुल शाह ने कहा, "जब से भारत-ऑस्ट्रेलिया वार्ता शुरू हुई है, भारत के रत्न और आभूषण निर्यात में सकारात्मक वृद्धि देखी गई है, जो आगामी भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA का पूरक है। अप्रैल-अक्टूबर 2022 के दौरान ऑस्ट्रेलिया को भारत का रत्न तथा आभूषण का निर्यात पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 21% बढ़कर 183.86 मिलियन हो गया।

"हम उम्मीद करते हैं कि ऑस्ट्रेलिया उन क्षेत्रों तक पहुंच से लाभान्वित होगा जहां भारत एक विश्व में लीडर हैं, जैसे कि डायमंड, भारतीय रत्न और आभूषण निर्यात के लिए तरजीही पहुँच प्रदान करके, यह सौदा ऑस्ट्रेलियाई खुदरा विक्रेताओं के लिए भारतीय निर्माताओं से कुशलता से तैयार किए गए विश्व स्तरीय आभूषणों की खरीद को किफायती भी बनाता है। हम उम्मीद करते हैं कि यह समझौता द्विपक्षीय रत्न और आभूषण व्यापार को वर्तमान में 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर कर देगा।”

"ऑस्ट्रेलिया हमारे सोने के बुलियन के बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है, और हाल तक, यह डायमंड का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता भी था।"