किरण परिवार की ओर से बधाई .......
दिनेश लखानी

हम अपने सभी सम्मानित ग्राहकों, टीम के सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं और आशा करते हैं कि आप सभी फिर से अपने सामान्य जीवन में वापस आ गए होंगे!

यहां हम सबसे पहले अपने पिछले न्यूज़लेटर का संक्षिप्त उल्लेख करना चाहेंगे, जिसमें हमने भारत में सीमित मैन्युफैक्चरिंग गतिविधि के बारे में सूचित किया था और साथ ही कच्चे माल की खरीद में फ्लेक्सिबिलिटी लाने की आवश्यकता और एक समग्र सीमित पॉलिश इंवेंटरीज पर जोर दिया था। इसके कारण पॉलिश्ड गुड्स की कीमतें ज्यादातर स्थिर होने के साथ साथ थोड़ी ऊंची रहीं। पिछले 6 महीनों में हीरा निर्माताओं के संयुक्त प्रयासों और तेज कार्रवाई से मांग और आपूर्ति में संतुलन बना रहा, लेकिन पूरे बाजार के सुधारात्मक रुख पर इसका मामूली असर पड़ा, क्योंकि इस दौरान कोरोना महामारी के कारण उत्पादन कार्य कम हो रहा था। इन सभी प्रयासों के कारण वास्तव में यह क्षेत्र अच्छी स्थिति में रहा और डायमंड उद्योग उन चुनिंदा इंडस्ट्रीज में है जिसने कोरोना महामारी के अनलॉक होने के साथ ही विकास की गति को तुरंत पकड़ा है।

कोरोना महामारी ने वैश्विक स्तर पर मांग को प्रभावित किया क्योंकि पूरे विश्व में कोरोना का प्रसार जोरों पर था लेकिन अब वैश्विक अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे लॉकडाउन से बाहर आने लगी है और उपभोक्ताओं के खर्च सामान्य होने लगे हैं। ट्रेवलिंग के सीमित दायरे में खुलने और लोगों द्वारा धीरे धीरे खर्च शुरु करने से मांग को सामान्य बनाने में मदद मिली है। डायमंड सेक्टर में ग्राहकों की रुचि बढ़ी है क्योंकि यह एक ऐसा सेक्टर है जिसमें व्यक्ति की भावुकता रहती है और वह इसे पूरा करता है।

मौजूदा स्थिति: ऐसी संभावना है कि जिन माइनर्स ने कोविड संकट को अच्छे और प्रभावी ढंग से हैंडल किया, उनका पूरे मूल्य श्रृंखला को सपोर्ट करने वालों के प्रति विजिलेंट अप्रोच जारी रहेगा। इसके अलावा, यह महसूस किया जाना लगा है कि यदि इसी तरह का अप्रोच जारी रखा जाता है, तो डायमंड इंडस्ट्री के लिए वर्ष 2021 गोल्डन ईयर हो सकता है। क्योंकि प्राइमरी मार्केट में रफ हीरे कीमतें स्थिर हैं जबकि इंडस्ट्री की धारणा मजबूत है। हालांकि छोटे और मध्यम स्तर के कारखानों से मांग बढ़ने के कारण सेकेंडरी मार्केट में कीमतें मजबूत हैं। इसलिए, हम आने वाले दिनों में कुछ उत्पादों की कीमतों के कुछ हद तक मजबूत रहने का अनुमान लगा सकते हैं।

वर्तमान पोलिश स्थिति: कोरोना महामारी पर धीरे-धीरे काबू पाया जा रहा है। ऐसी स्थिति में बिजनेस हाउसेस खुलने लगे हैं। अगस्त 2020 में लॉकडाउन के खुलने से मार्केट्स में सामान्यता आने लगी है। ग्राहक बाजार में निकलने लगे हैं। अमेरिका, चीन और अन्य विकसित देशों में बड़े पैमाने पर मौद्रिक राहत के कारण रौनक लौटने लगी है। इन मार्केट्स में 80 से 90 प्रतिशत तक सेल्स हो रही है। अमेरिका, चीन और दक्षिण एशियाई देशों जैसे थाईलैंड, वियतनाम आदि में दिन ब दिन पोलिश डायमंड की मांग बढ़ रही हैं। कोरोना महामारी के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों के पालन और कुशल कामगारों की अनुपलब्धता के कारण डायमंड का समग्र उत्पादन कोविड 20 के पहले के उत्पादन से अभी भी कम है। कुछ पॉलिश हीरों और उत्पादों की मांग मौजूदा त्यौहारी सीजन में प्रीमियम पर हो रही है।

भावी संभावनाएं : ज्वैलरी की ओवरऑल डिमांड और आपूर्ति दोनों को लेकर हम काफी उत्साहित हैं। हमें साफ दिख रहा है कि ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर्स और रिटेलर्स की ओर से इसकी भारी मांग आएगी और वे अत्यंत संगठित और सेवा-उन्मुख आपूर्तिकर्ताओं की अधिक सेवाएं ले सकते हैं। आज नए सिरे से सामान्य हो रहे जनजीवन में बिजनेस करने के नए तरीके तेजी से अपनाए जा रहे हैं। मेक टू मेजर को फॉलो करने वाली कंपनियां और अपने बिजनेस को प्रभावी बनाने के लिए अधिक कुशल तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहीं हैं ताकि ग्राहकों की बढ़ती जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकें।

ऐसे समय में प्रोपर फॉरकास्टिंग और इंवेंटरी कंट्रोल करने वाली कंपनियों को नई रणनीतियों को लागू करने से न केवल क्षमता निर्माण होगा बल्कि इससे उन्हें लंबे समय में काफी लाभ भी हो सकता है। कोविद-19 के बाद मजबूत मैन्युफैक्चरिंग बैकग्राउंड वाली सप्लाई पार्टनर चुनना अनिवार्य होगा जिसके कि कीमतों में अस्थिरता के समय नई चुनौतियों को आसानी से सहन किया जा सके। भरोसा, विश्वसनीयता, कंसिस्टेंड असोर्टमेंट और निर्बाध आपूर्ति के आधार पर एक सही सप्लाई पार्टनर को चुना जा सकता है।

ग्रोथ और गेम-चेंजर बनने के लिए फैंसी शेप्स को अपनाना होगा क्योंकि आज ये सामयिक मांग हैं और लागत प्रभावी भी है। इसके अलावा, सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम, पिंटरेस्ट आदि) के वर्तमान युग में ग्राहकों का झुकाव फैंसी आकारों की ओर अधिक हो चला है। फैंसी ज्वैलरी के प्रति ग्राहकों के विशेष आकर्षण के कारण रिटेल और ज्वैलरी खरीदारों की मांग में उत्कृष्ट इजाफा हो रहा है। समय के साथ हम देख रहे हैं कि अनेक ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर्स अपने डिजाइनों को बदलने के लिए तैयार हैं और वे अपने नियमित इंवेंटरी के अलावा पियर्स, मार्कीज, एमराल्ड और ओवल खरीदने में ज्यादा रुचि ले रहे हैं।