भारत को अंगोला में डायमंड माइनिंग एंड प्रोसेसिंग में निवेश के लिए आमंत्रण

• भारत और अंगोला के बीच डायमंड के ट्रेड को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय, जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया ) और अंगोला के प्रतिनिधियों में चर्चा हुई।

• भारत और अंगोला के अधिकारियों की वर्चुअल मीटिंग हुई। यह मीटिंग जीजेईपीसी के इंडिया ग्लोबल कनेक्ट पहल के अंतर्गत हुई।

अंगोला में भारतीय दूतावास, द जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेईपीसी) और अंगोला-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स ने संयुक्त रूप से ३ दिसंबर, २०२० को इंडिया ग्लोबल कनेक्ट - अंगोला का आयोजन किया। इस मंच के जरिये दोनों देशों के प्रतिनिधियों को अपने विचार साझा करने और समझने तथा व्यापारिक संबंधों बढ़ाने का मौका मिला।

भारतीय पैनेलिस्टों में श्रीकर रेड्डी, ओएसडी (जेएस लेवल), वाणिज्य विभाग; कॉलिन शाह, जीजेईपीसी के अध्यक्ष; विपुल शाह, जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष; रोजी ब्लू के रसेल मेहता; दिनेश नवदिया, क्षेत्रीय अध्यक्ष, गुजरात; संजय शाह, संयोजक, डायमंड पैनल, जीजेईपीसी और अंकित जेम्स के अंकित शाह शामिल थे।

अंगोला से एंडियामा के डॉ. जोस कार्लोस फरेरा डी सूसा, अंगोला इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स के कैटेनो कैपिटाओ, इंजीनियर फर्नांड, अमरल ऑफ सोदियम, केजीके के संदीप कोठारी और कप्पू जेम्स के कल्पेश वाघानी मीटिंग में शामिल हुए।

भारत में अंगोला के निर्यात व्यापार का लगभग १०% हिस्सा है। इसके अलावा अंगोला भारत को तेल आपूर्ति करने वाला दूसरा सबसे बड़ा अफ्रीकी राष्ट्र भी है। दोनों देश कच्चे तेल के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार संबंधों के विविधीकरण कर रहे हैं। भारत और अंगोला के बीच व्यापार को मजबूत करने के लिए जेम्स एंड ज्वैलरी एक अच्छा अवसर प्रदान करता है। द इंडिया ग्लोबल कनेक्ट - अंगोला दोनों देशों के बीच विविधीकरण और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने की दिशा में अत्यंत उत्प्रेरक साबित हुआ।

अंगोला में भारतीय राजदूत प्रतिभा पारकर ने अपने मुख्य संबोधन में कहा कि अंगोला अफ्रीका में हीरे का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और इस डायमंड समृद्ध देश में अबतक केवल ४०% ही हीरे का पता लगाया जा सका है। यहां विदेशी निवेश को आकर्षित करने में दिक्कत आ रही है। अंगोला अपने देश के खनन में भारतीय कंपनियों के निवेश चाह रहा है ताकि यहां कि संभावनाओं को उद्धृत किया जा सके।

पारकर ने आगे कहा कि अंगोला तेल निर्यात पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता था और अपने निर्यात के बास्केट में अन्य क्षेत्रों को मिलाकर विविधता लाना चाहता है। वित्त वर्ष २०२० में भारत में अंगोला से रफ हीरे का आयात ६.०१ मिलियन डॉलर हुआ, जबकि निर्यात ०.०१ मिलियन डॉलर रहा।

वाणिज्य विभाग के ओएसडी (जेएस लेवल ) श्रीकर रेड्डी ने कहा कि हमें भारत और अंगोला के बीच लंबे समय से व्यापार संबंधों में गुणात्मक बदलाव का पता लगाने की जरूरत है। भारत, आज अंगोला का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और हीरे की मैन्युफैक्चरिंग के लिए यह सोर्सिंग का बड़ा केंद्र भारत के लिए हो सकता है।

जीजेईपीसी के अध्यक्ष कोलिन शाह ने कहा कि अंगोला भारत में एसएनजेड के माध्यम से अपने डायमंड्स को बेच सकता है। भारत-अंगोला व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जीजेईपीसी और सोडियम के बीच एक समझौता ज्ञापन भी हुआ है। जीजेईपीसी ने ग्लोबल ट्रेड भारत में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार की प्रगतिशील नीतियों ने सुनिश्चित किया है कि हम उद्योग जगत के अग्रणी बनें। भारत में हीरे के खनन और प्रसंस्करण पर निवेश के लिए अंगोला सरकार का प्रस्ताव एक आकर्षक प्रस्ताव है और हमें इसे गंभीरता से देखना चाहिए। यह न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि यह भारत को हीरे के व्यापार के समग्र पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत बनाएगा।

जीजेईपीसी के वाइस चेयरमैन विपुल शाह ने कहा कि भारत डायमंड वैल्यू चेन के मिडस्टड्ढीम सेगमेंट में प्रमुख है, इसलिए मेरा मानना है कि भारतीय कंपनियां रफ ट्रेडिंग, पॉलिशिंग, पॉलिसिंग और ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में निवेश करने की इच्छुक रहें।

इंजीनियर फर्नांडो अमर, सोदियम ने कहा कि हीरे अंगोला और उसके लोगों के राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं, और नई हीरे नीति के अंतर्गत हम इसे विभिन्न साइट्स, निविदाओं और स्पॉट्स के जरिए बेचना चाहते हैं। साइट्स कांटड्ढैक्ट्स केवल दो साल के लिए होगा। अंगोला २०२२ तक हीरे के उत्पादन को लगभग ९ मिलियन प्रति वर्ष से बढ़ाकर १५ मिलियन करने की उम्मीद कर रहा है। हम भारतीय कंपनियों को अंगोला में निवेश करने और स्थानीय स्तर पर हीरे को काटने और चमकाने के लिए आमंत्रित करते हैं।

उन्होंने कहा कि अंगोला हीरा क्षेत्र में सुधारों को मजबूत करने के प्रोसेस में है और एक डायमंड बुर्स स्थापित करना चाहता है। साथ रफ डायमंड्स को टेंडर्स के जरिये बेचना चाहता है। हम भारत हीरा सीधे नहीं भेजना चाहते। हम चाहते हैं कि भारतीय कंपनियां यहां आए औऱ लोकल लेवल पर डायमंड की मैन्युफैक्चरिंग करें।

एंडीमा के जोस कार्लोस फरेरा डे सूसा ने कहा कि अंगोला ने देश में हीरे के खनन में निवेश करने वालों के लिए प्रोत्साहन की पेशकश की है। हमारा मानना है कि भारत इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।