अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा सूरत डायमंड बोर्स, जोर शोर से चल रहा है निर्माण कार्य

वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाला सूरत डायमंड बोर्स (एसडीबी) का निर्माण कार्य जोरशोर से चल रहा है। इसके जल्द ही पूरा होने की संभावना है। सूरत डायमंड बोर्स के चेयरमैन वल्लभभाई पटेल ने अपने सदस्यों को संबोधित एक पत्र में कहा है कि हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि हमारे एसडीबी का निर्माण कार्य बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके कुछ टावरों जिसमें ३०० वर्गफीट के ऑफिस हैं, के आरसीसी काम लगभग पूरे हो चुके हैं। उसके आबंटन पत्र और पंजीकरण के काम सुचारू रूप से चल रहा है। श्री पटेल ने अपने सदस्यों को इस कार्य में सहयोग के लिए सराहा है।

श्री पटेल ने कहा कि सूरत डायमंड बोर्स का प्रबंधन इंडस्ट्री के हमारे उच्च प्रतिष्ठित व्यापारियों और सदस्यों द्वारा अत्यंत पारदर्शिता और परामर्श के साथ निर्देशित किया जाता है। हमारी समिति के सदस्य बिना किसी रिवार्ड के अपने सभी सदस्यों के हित के लिए एसडीबी प्रोजेक्ट को शीध्र पूरा करने में अपना बेशकीमती समय दे रहे हैं।

सूरत डायमंड बोर्स न केवल बिक्री की एक इमारत है, बल्कि इसे और इसके परिसर को एक इंस्टिट्यूशन के रूप में डिज़ाइन किया गया है। यहां निर्माण कार्य के दौरान प्रत्येक निर्णय न केवल पूंजीगत लागत पर विचार होता है, बल्कि यहां भविष्य में परिचालन और रखरखाव लागत को भी सबसे अधिक महत्व दिया जाता है जिससे कि सभी सदस्यों को लाभ मिले।

उन्होने कहा कि कुछ लोग जो हमारे सदस्य भी नहीं हैं, बिना किसी सही जानकारी के हमारे सदस्यों में गलतफहमी फैला रहे हैं। रियल एस्टेट के बारे में ऐसे अधूरे ज्ञान रखने वाले लोगों से हमें बचना चाहिए। वे हमारे सूरत डायमंड बोर्स के बारे में गलत प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। उनका उद्देश्य हमारे सदस्यों के हित को नुकसान पहुंचाना है जबकि एसडीबी हमारे समर्पित सदस्यों से बन रहा है और यह आगे विश्व में सूरत को एक नया अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान करेगा।

श्री पटेल ने कहा कि हमारे कुछ सदस्य सूरत डायमंड बोर्स प्रोजेक्ट को दूसरे कमर्शियल प्रोजेक्टों के साथ तुलना कर रहे हैं। हमने उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी दे दी है। यदि वे इसे प्रत्यक्ष रुप से देखना चाहते हैं तो वे साइट पर जाकर एसडीबी के कार्यालय से पूरी जानकारी ले सकते हैं और साइट का मुआयना भी कर सकते हैं। श्री पटेल ने आगे कहा कि हम समिति के सदस्यों का उत्साहवर्धन कर रहे हैं। इसमें हम अपने दूसरे सदस्यों के सहयोग की आशा करते हैं ताकि प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो सके।

सूरत डायमंड बोर्स की अनेक खास विशेषताएं हैं। इन विशेषताओं में सेलेबल एरिया (बिक्री क्षेत्र), लिफ्ट, कनक्टिंग स्पाइन, एलिवेशन, फ्लोर हाइट, पैसेज, इलेक्टिड्ढक, एसी, पैसेज, प्रवेश द्वार, प्लंबिग, आंतरिक और बाह्य सुंदरता, फायर फाइटिंग और टेक्नोलोजी आदि अनेक महत्वपूर्ण सुविधाएं शामिल हैं।

एसडीबी कुल ६६ लाख वर्गफीट में बन रहा है जिसमें २२ लाख वर्ग फीट पार्किंग है। शेष ४५ लाख वर्ग फुट सेलेबल ऑफिस एरिया हैं। यहां ऑफिस एरिया पर लोडिंग ३५% और कमर्शियल प्रोजेक्ट पर ५० प्रतिशत जितना लोडिंग हैं। इसके ग्राउंड फ्लोर एरिया को फिलहाल नहीं बेचा जाएगा। इन्हें रेंट पर दिया जाएगा है और इससे उत्पन्न राजस्व से सदस्यों द्वारा भुगतान किए जाने वाले रखरखाव लागत को कम किया जाएगा।

बोर्स में नौ नौ टावर हैं और ये सभी एक दूसरे से जुड़े रहेंगे। अपने बिजनेस की सुविधा को देखते हुए हमने इस तरह के डिजाइन तैयार किये हैं। आम तौर पर किसी दूसरे प्रोजेक्ट में इस तरह की सुविधा नहीं होती है।

बोर्स की पूरी बिल्डिंग फॉकेड को चारों तरफ से कांच और ग्रेनाइट से कवर किया गया है। बिल्डिंग में गर्मी को कम करने के लिए डबल ग्लास यूनिट और ड्राई क्लैडिंग लगाने पर विचार किया जा रहा है। इससे एसी का बिल कम होगा। बिल्डिंग क्लीनिंग के लिए एडवांस्ड बिल्डिंग मेंटेनेंस सिस्टम यूनिट की योजना बनाई गई है, जबकि अन्य इमारतों में सामान्य स्पाइडरमैन सिस्टम अपनाया जाता है। इसकी लाइटिंग भी इंटरनेशनल लेवल की होगी।

बोर्स के पूरे परिसर में कुल १२८ लिफ्ट होंगे। आमतौर पर कमर्शियल प्रोजेक्टों में इतनी सुविधा नहीं होती। श्री पटेल ने कहा कि हम ने सर्वश्रेष्ठ ‘तोशिबा‘ (जापान) ब्रांड के लिफ्ट को फाइनल किया है, जो डीसीएस- डेस्टिनेशन कंट्रोल सिस्टम से लैस है। सदस्यों के लिए फ्लोर की हाईट ३.९ मीटर (लगभग १३ फीट) है और ग्राउंड फ्लोर की ऊंचाई ६.४ मीटर (२१ फीट) है। हमारा मानना है कि ऑफ़िस में हाईट ऊंची होने से लोगों की कार्यक्षमता बढ़ती है। ३०० वर्ग फीट और १००० वर्ग फीट के कार्यालय के लिए ८ फीट का पैसेज बनाया गया है जबकि १५०० वर्ग फीट और बड़े ऑफिसेस के लिए ९ फीट का पैसेज रखा गया है। स्पाइन कॉरिडोर न्यूनतम २४ फीट की होगी। पूरी इमारत का पैसेज कुल २२ किमी का है, और बहुत अच्छी कनेक्टिविटी वाला है।

स्पाइन और टावर के दोनों ओर शानदार प्रवेश द्वार बनाया गया है।

श्री पटेल के मुताबिक केबल की जगह बीबीटी (बस बार ट्रंकिंग) प्रस्तावित किया गया है, जो गुजरात के किसी भी व्यावसायिक भवन में पहली बार होगा। पूरी इमारत में सेंट्रलाइज्ड कूलिंग सिस्टम लगाया गया है। इसके लिए हमने अमेरिका की जेसीआई-योर्क कंपनी के चिलरों को का चयन किया है, इससे परिचालन लागत कम होगी। प्रत्येक कार्यालय में शौचालयों के लिए ताजा हवा की आपूर्ति और वेंटिलेशन सिस्टम की योजना बनाई गई है। प्लंबिंग और फायर फाइटिंग के लिए प्रत्येक ऑफिस को सर्विस शाफ्ट (डक्ट) के साथ जोड़ा गया है।

बोर्स अहाते के सौंदर्य को उभारने के लिए ५ एकड़ की जगह को ग्रीन एरिया (बाग और पेड़) के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां थीम के अनुसार लैंडस्केप डिजाइन किये गये है, जो ‘पंच तत्त्व विषय' पर आधारित है। २ टावरों के बीच विभिन्न तत्वों के साथ ६०,००० वर्ग फुट से अधिक हरे-भरे परिदृश्य की योजना बनाई गई है। इनके सौंदर्य को और निखारने के लिए लैन्डस्केप लाइटिंग को भी ठीक से डिज़ाइन किया गया है। इसके लिए ब्रांडेड लाइट फिटिंग की योजना बनाई गई है।

फ्यूचर को देखते हुए एडवांस्ड आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर की योजना है। ऑफिसेस की कनेक्टिविटी के लिए ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क विकसित किया गया है। वैसे भी श्री पटेल के अनुसार सूरत डायमंड बोर्स का फाउंडेशन बहुत भारी डिज़ाइन किया गया है क्योंकि यह समुद्र के करीब है। इससे हमारा प्रोजेक्ट कॉस्ट बढ़ा है। हमने बिल्डिंग के बेसमेंट में सेफ वॉल्ट बनाने का प्लान किया है।

सूरत डायमंड बोर्स दुनिया के ९० प्रतिशत से अधिक फिनिश्ड डायमडं की आवश्यकताओं को पुरा करता है। एसडीबी में एक अनुमान के मुताबिक प्रतिवर्ष २ लाख कराडे रुपये से अधिक के कारोबार होने की उम्मीद है। श्री पटेल ने कहा कि एसडीबी का निर्माण हमारा एक सपना है, जो साकार होने जा रहा है आरै इसके लिए हम सभी को तहे दिल से धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे शानदार आरै पॉलिश किए गए हीरे एडवांस सिस्टम्स औऱ इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए वल्र्ड में अपना मार्केट बना सकते हैं।

उन्हानें कहा कि हम सभी का आभार व्यक्त करते हैं जो हमारे इस अभिनव प्रोजेक्ट में शुरु से अभिन्न अंग रहे हैं। यह सरासर हमारी प्रतिबद्धता है जिससे कारण हमारे सपने साकार होने वाले हैं।

एसडीबी एक नॉन प्राफिट ऑर्गेनाइजेशन है और इसे कंपनी अधिनियम, २०१३ की धारा ८ के तहत गठित किया गया है। एसडीबी भारत का दूसरा डायमंड बोर्स होगा। इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापारियों के ४००० से अधिक कार्यालय होंगे। एसडीबी का उददेश्य भारत से हीरे, जेम्स और ज्वैलरी के आयात और निर्यात के कारोबार को प्रोत्साहित करना है। साथ ही यहां के मैन्युफैक्चरिंग और औऱ डायमंड के कारोबार करने वालों को अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना, कटाई, पॉलिश और प्रोसेस सहित जेम्स एंड ज्वैलरी के व्यापार से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देना, संरक्षण और विकास करना, इनके लिए इंटरनेशनल ट्रेडिंग सेंटर की स्थापना करना तथा भारत को दुनिया में एक आधुनिक और परिष्कृत डायमंड, जेम औऱ ज्वैलरी बाजार के रुप में विकसित करना है।