सूरत में आयोजित पहले फिजिकल शो स्पार्कल २१ को भव्य सफलता, ७४४० बायर्स आए, एक्जीबिटर्स को अच्छा बिजनेस मिलने की आशा

द सदर्न गुजरात चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और सदर्न गुजरात चेंबर ट्रेड एंड इंडस्ट्री डेवलपमेंट सेंटर द्वारा सूरत के सरसाणा स्थित इंटरनेशनल एक्जीबिशन एंड कांवेंशन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय जेम्स एंड ज्वैलरी एक्जीबिशन स्पार्कल २१ शो सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह शो २० से २२ फरवरी तक था और इसमें ७४४० बायर्स आए। मौजूदा चल रहे कोरोना महामारी के समय में यह अपने आप में पहला फिजिकल शो था। चेंबर के प्रमुख दिनेश नावडिया ने पूरे एक्जीबिशन को व्यक्तिरुप से देखा। शो में देश के दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़, चेन्नई, कोच्चि, त्रिशूर, त्रिवेंद्रम, मलप्पुरम, कालीकट, बंगलोर, कोयंबत्तूर, मुंबई, पुणे तथा गुजरात के प्रमुख शहरों तथा अमेरिका, दुबई, साउथ अफ्रीका औऱ नेपाल के बायर्स भारी संख्या में आए। इनसे एक्जीबिटर्स को भारी प्रतिसाद मिला। इन्होंने अपने बिजनेस के लिए हैंडमेड, लाइटवेट, टेंपल, क्लोजसेटिंग, वेस्टर्न और ब्राइडल जैसी अनेक ज्वेलरी डिजाइनों में रुचि दिखायी। स्पार्कल-२१ की भारी सफलता को देखते हुए चेंबर अब इस शो को अगले साल बी२बी एक्जीबिशन के रुप में बड़े पैमाने पर करने के लिए उत्साहित है।



स्पार्कल २१ के शुभारंभ पर दीप प्रज्वलित करते जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन कॉलिन शाह।

इस बीच, स्पार्कल २१ का उदघाटन जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के चेयरमैन कॉलिन शाह ने पहले दिन दीप प्रज्वलित करके किया। इस अवसर पर दुबई सिटी ऑफ गोल्ड के वाइस चेयरमैन चंदूभाई सिरोया मुख्य अतिथि थे जबकि जूनागढ़ के भींडी ज्वेलर्स के मालिक जितेंद्र भींडी स्पेशल गेस्ट, सूरत डायमंड एसोसिएशन के प्रमुख नानुभाई वेकरिया और जीजेईपीसी के पश्चिम क्षेत्र के चेयरमैन एवं एसजीसीसीआई के प्रमुख दिनेश नावडिया के साथ भारी संख्या में एसोसिएशन के सदस्य उपस्थित थे।

उदघाटन समारोह को संबोधित करते हुए दिनेश नावडिया ने कहा कि सूरत में आयोजित स्पार्कल २१ एक्जीबिशन देश के प्रमुख एक्जीबिशंस में एक है। आईआईजेएस शो के बाद जेम्स एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री का यह एक और सबसे महत्वपूर्ण एक्जीबिशन है। उन्होंने कहा कि देश के कुल जीडीपी में जेम एंड ज्वेलरी क्षेत्र का ७ प्रतिशत हिस्सा है। भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार सृजन और विदेशी मुद्रा अर्जन में इसका बहुत बड़ा योगदान है। लॉकडाउन के बाद नवंबर २०२० के महीने में भारत से निर्यात हुए डायमंड में ५३ प्रतिशत का उछाल आया। उन्होंने आगे कहा कि डायमंड क्षेत्र में अब भारत भी सिंथेटिक डायमंड तैयार करने में काफी आगे निकल रहा है। सूरत के स्पार्कल में भारी संख्या में लैब ग्रोन उत्पादकों ने भाग लिया है।

जीजेईपीसी के चेयरमैन कॉलिन शाह ने कहा कि किसी भी इंडस्ट्री के डेवलपमेंट के लिए उद्योगकारो और एक्जीबिशन का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। एक्जीबिशन में नए बायर्स मिलते हैं और सप्लायरों के साथ मिटिंग भी करते हैं। बिजनेस के लिए आज संपूर्ण नेटवर्क बनाया जा सकता है और नॉलेज भी बढ़ा सकते हैं। एक्जीबिशन में अलग-अलग प्रोडक्ट के बारे में जानकारी मिलती है और उसके आधार पर निर्माता अपने प्रोडक्ट में सुधार करते हैं। बिजनेस पार्टनर्स के लिए भी एक्सजीबिशन जरुरी है। सूरत स्पार्कल में जेम एंड ज्वेलरी क्षेत्र के निर्माताओं को सही में इसका लाभ मिलेगा।

दुबई सिटी ऑफ गोल्ड के वाइस चेयरमैन चंदूभाई सिरोया ने कहा कि सूरत के लोगों का पूरी दुनिया में आज डायमंड को लेकर वर्चस्व है। सूरत में मैन्युफैक्चरर्स भारी तादाद में हैं। अब तो यहां नेचरल डायमंड के साथ सिंथेटिंक डायमंड भी मार्केट में आ गये हैं। उन्होंने कहा कि भारत के कुल ४ लाख में से १ लाख सिंथेटिक डायमंड का केवल सूरत में कट एंड पॉलिश किया जाता है। भारत के हस्तनिर्मित ज्वेलरी पूरी दुनिया में बेजोड़ है। इसे विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है लेकिन इसके लिए इज ऑफ डुइंग बिजनेस जरुरी है। इस इज ऑफ डुइंग बिजनेस के कारण ही ८० टन ज्वेलरी दुबई से एक्सपोर्ट किये जाते हैं।

जुनागढ़ के भींडी ज्वेलर्स के मालिक जितेंद्र भींडी ने कहा कि नेतृत्व करने वालों के साथ पूरी इंडस्ट्री रहती है। इससे न केवल इंडस्ट्री बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार होता है। सूरत स्पार्कल शो इसका एक प्रत्यक्ष सबूत है। डायमंड और जेम एंड ज्वेलरी क्षेत्र में आज १२ करोड़ लोग काम कर रहे हैं। टेक्नोलोजी की दृष्टि से विश्व के दूसरे देश भारत से आगे हैं। लेकिन हस्तनिर्मित ज्वेलरी में भारत का कोई मुकाबला नहीं कर सकता। और सबसे गौरव की बात यह भी है ये हस्तनिर्मित ज्वेलरी भी गुजरात में ही बनते हैं। इसके प्रमोशन के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।

चेंबर के ग्रुप चेयरमैन जयंती सावलिया ने समारोह के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि स्पार्कल २१ में नेचरल डायमंड, ज्वेलरी मैन्युफैक्चरर्स, सिंथेटिक डायमंड और मशीनरी मैन्युफैक्चरर्स और हीरा इंडस्ट्री के साथ जुड़े निर्माताओं ने उत्साह दर्शाया है। श्री जयंती भाई ने कहा कि स्पार्कल शो में १५० से अधिक एक्जीबिटर्स ने अपने उत्पादों जैसे लूज डायमंड, डायमंड ज्वैलरी, मशीनरी और सिंथेटिक डायमंड का प्रदर्शन किया था। उन्होंने आगे होने वाले शो के बारे में भी जानकारी दी।

सूरत स्पार्कल २१ एक्जीबिशन के चेयरमैन विजय मांगुकिया ने कहा कि इस बार के स्पार्कल का कांसेप्ट माइंस टू मार्केट है। यहां माइंस में से रफ हीरा निकालने के बाद उसके कट एवं पॉलिश करके ज्वेलरी में किस तरह प्रयोग किया जाता है, का लाइव डेमोन्सट्रेशन यहां दिखाया गया। उन्होंने कहा कि सूरत के ज्वेलरी मैन्युफैक्चरर्स को एक्सपोर्ट गोल्ड खरीदने के लिए मुंबई अथवा अहमदाबाद जाना पड़ता है जबकि सूरत से रोज १५० से २०० जितने डायमंड ज्वेलरी के पार्सल एक्सपोर्ट किये जाते हैं। उन्होंने जीजेईपीसी के चेयरमैन कॉलिन शाह से सूरत में एक्सपोर्टेड गोल्ड उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। सूरत में तैयार डायमंड ज्वैलरी को दुबई में कैसे प्रमोट किया जाए और दुबई के बायर्स को किस तरह सूरत में लाया जाए। इसके लिए उन्होंने दुबई सिटी ऑफ गोल्ड के चेयरमैन चंदू भाई सिरोया से विनती की।

चेंबर के मानद मंत्री निखिल मद्रासी ने उदघाटन समारोह का प्रासंगिक विधि, समारोह का संचालन जिज्ञा पाठक और चेबर के उपप्रमुख आशिष गुजराती ने समारोह का समापन करते हुए सबका आभार व्यक्त किया।



फैशन शो

स्पार्कल २१ में शाम के समय पहले दिन यानी २० फरवरी को संगीत संध्या और २१ फरवरी को फैशन शो का आयोजन हुआ। एक्जीबिशन में उपस्थित अतिथियों और आमंत्रितों ने भारी भाग लिया। एक्जीबीशन सेंटर के प्लेटिनम हॉल में पहले दिन ब्रह्मांड ग्रुप ने अपने संगीत संध्या से दर्शकों का दिल मोह लिया। संगीत संध्या ने गायक ध्रुव और मिताली महंते ने भक्ति गीत, देशभक्ति गीत, सूफी और फिल्मी गीत प्रस्तुत किया। दोनों गायकों के मधुर गीतों में प्रेक्षकों का मन मोहा।

अगले दिन २१ फरवरी को इसी हॉल में भव्य फैशन शो हुआ। मिस एशिया युनिवर्स २०१९ स्वाति जानी और सूरत के नामांकित फैशन डिजाइनर डॉ. हीना मोदी द्वारा फैशन शो किया गया। इस अवसर पर श्री नावडिया ने कहा कि इस तरह के फैशन शो से सूरत के ब्रांड विकसित करने में मदद मिल सकती है। ज्वेलरी और फैब्रिक के निर्माता यदि इसी तरह मिलते रहे तो फैशन इंडस्ट्री को बल मिलेगा। फैशन शो में मुंबई के मॉडल्स ने सूरत में तैयार डायमंड ज्वेलरी, ट्रेडिशनल ज्वेलरी और गारमेंट्स को प्रदर्शित किया।

स्पार्क प्रदर्शनी के दौरान इन्नोवेशन इन रियल एंड लैबग्रोन डायमंड एंड ज्वैलरी इंडस्ट्रीज में टेक्नोलॉजिकल ग्रोथ पर सेमिनार और पैनल चर्चा



पैनल चर्चा

स्पार्कल २१ शो के दौरान रियल इन्नोवेशन इन रियल एंड लैबग्रोन डायमंड एंड टेक्नोलॉजिकल ग्रोथ इन ज्वैलरी इंडस्ट्रीज पर सेमिनार आयोजित हुआ। लेक्सस ग्रुप के निदेशक और सह-संस्थापक उत्पल मिस्त्री ने एक विशेषज्ञ वक्ता के रूप में पैनल चर्चा को आगे बढ़ाया। उत्पल मिस्त्री ने कहा कि प्राकृतिक के साथ-साथ अब लैबग्रोन डायमंड भी बाजार में उतर चुका है। तो २०२०-२०३० के बीच दस वर्षों में हीरे के आभूषणों के क्षेत्र में किस तरह की नई तकनीक आएगी, पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने व्यापारियों और उद्योगपतियों को एक्स-रे, ३ डी वर्चुअल डायमंड (मेक टू आर्डर) और क्लाउड (सिक्योर्ड डेटा) के बारे में भी समझाया।

सेमिनार के बाद हुए पैनल चर्चा में अंकित जेम्स के डायरेक्टर प्रियांश शाह, एल्वी ज्वेल्स के डायरेक्टर कल्पेश वाघसिया, सूरत ज्वैलरी एसोसिएसन के प्रमुख सलीम दागिनावाला, भंडेरी लेबग्रोन के सीईओ डॉ. स्नेहल पटेल, दुबई गोल्ड एंड ज्वेलरी ग्रुप के वाइस चेयरमैन चंदूभाई सिरोया और डायमंड एलिमेंट्स के डायरेक्टर महेश सेनानी ने भाग लिया।



द न्यू ज्वेलर के बजट विशेष अंक का अनावरण मौके पर उपस्थित विशेष अतिथिगण और न्यू ज्वेलर की वरिष्ठ संवाददाता सुश्री रचना पांडे।
इस अवसर पर द न्यू ज्वेलर ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट आलोक गुप्ता भी उपस्थित रहे।

इस चर्चा में चंदूभाई सिरोया ने कहा कि सूरत में जिस तरह स्पार्कल का आयोजन हुआ है, उसी तरह का एक एक्जीबिशन यदि दुबई में आयोजित होता है तो लैबग्रोन डायमंड के प्रति आभूषण क्षेत्र के लोगों के मन का भय दूर हो जाएगा। नेचुरल और लैबग्रोन डायमंड के अंतर को समझने के लिए दुबई के साथ-साथ सूरत में भी प्रदर्शनी और सेमिनार आयोजित किए जाने चाहिए।

प्रियांश शाह ने नेचुरल डायमंड के बारे में कहा कि भले ही लैबग्रोन डायमंड मार्केट में आया हो, नेचुरल डायमंड की क्लास अलग है। प्राकृतिक हीरा हमेशा रहेगा। क्योंकि प्राकृतिक हीरे को पृथ्वी के भूगर्भ से निकाला जाता है। इसलिए इसका सदैव मांग बनी रहेगी। प्राकृतिक हीरे के खरीदारों का अपना अलग क्लास है।

सलीम दागिनावाला ने कहा कि सूरत में बने हीरे के आभूषण अत्यंत सराहनीय हैं। लेकिन कभी-कभी यह सुना जाता है कि जब हांगकांग में गुणवत्ता अच्छी होती है, तो आपको लगता है कि हीरे के आभूषणों के डिजाइन और गुणवत्ता को और बेहतर बनाने और उद्योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक लाने की आवश्यकता है।

डॉ स्नेहल पटेल ने कहा कि आने वाले वर्षों में लैबग्रोन हीरे की मौजूदा मांग बढ़ने की संभावना है। इससे लैबग्रोन डायमंड की गुणवत्ता में धीरे-धीरे सुधार होगा। आभूषण निर्माताओं के लिए हीरा एकमात्र कच्चा माल है, कल्पेश वाघसिया ने कहा। उन्होंने आभूषण निर्माण प्रक्रिया का व्यापक ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि हम जो कुछ भी बनाए, ग्राहकों की मांग के मुताबिक बनाएं।



जीजेईपीसी के चेयरमैन कॉलिन शाह एक्जीबिशन का मुआयना करते हुए