केंद्रीय बजट 2023-24 पर जीजेईपीसी के अध्यक्ष श्री विपुल शाह की प्रतिक्रिया

आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में माननीया वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी द्वारा आज प्रो-रिफार्म व निर्यात उन्मुख बजट प्रस्तुत करने के लिए रत्न तथा आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) सराहना करता है। इसी के साथ हम माननीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल जी को उद्योग जगत के उनके निरंतर सहयोग व मार्गदर्शन के लिए धन्यावद प्रकट करते हैं।

अमृतकाल के पहले बजट में माननीया वित्त मंत्री द्वारा 7 प्रमुख मुद्दों को महत्ता दी गयी है। जिसके तहत उन्होंने आम जनता के जीवन को आसान बनाने व वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए ईज ऑफ डुईंग बिजनेस को बढ़ावा देने व निर्यात को प्रमुखता प्रदान की है।

जीजेईपीसी सरकार को परिषद द्वारा लैब ग्रोन डायमंड के मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रस्तुत किए गए सुझाव के स्वीकार करने के लिए आभार व्यक्त करता है, जिसके तहत इस बजट में IIT को अगले 5 साल में रिसर्च करने हेतु ग्रांट प्रदान करने के साथ – साथ लैब ग्रोन डायमंड के सीड्स पर लगने वाले ड्यूटी को 5 प्रतिशत से 0 प्रतिशत किया गया है। यह सरकार द्वारा सरहानीय कदम है जो भारत को लैब ग्रोन डायमंड में मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में सहायता करेगा। सरकार द्वारा जीजेईपीसी द्वारा प्रस्तुत किए गए सुझाव के तहत स्टेडड लैब ग्रोन ज्वेलरी औऱ सिल्वर ज्वेलरी के दो अलग – अलग HS कोड जारी करने का निवेदन किया गया था, ताकि कंज़्यूमर लेवल पर आसानी से प्रोडक्ट के बीच में अंतर व पहचाना जा सके।

अन्य सकारात्मक व विकासउन्मुख- कदम है फिजिक्ल गोल्ड को डिजिटल गोल्ड में कन्वर्शन करने पर कैपिटल गैन्स टैक्स का न लगना।

वित्त वर्ष 2022-23 के 2376 करोड़ रूपए इंटरेस्ट इक्व्लिजेसन स्कीम के तहत आवंटन राशि में 23% की वृद्धि कर वित्त वर्ष 2023-2024 को 2,932 करोड़ रूपए करना सरहानीय कदम है। जो एमएसएमई निर्यातकों के लिए लाभदायक होगा व बढ़ते इंटरेस्ट रेट को देखते हुए निर्यातकों द्वारा मांग किए गए सबवेंशन सपोर्ट में वृद्धि करेगा।

सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर हेतु 13.7 लाख करोड़ रुपये का निवेश देश के लिए एक बड़ा सकारात्मक कदम है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षमता को एक नयी दिशा देगा।

जीजेईपीसी सोने/चांदी और प्लेटिनम जैसी कीमती धातुओं की वस्तुओं (आभूषण) पर शुल्क को 20% से बढ़ाकर 25% (+शून्य एआईडीसी +2 एसडब्ल्यूएस) करने के कदम का स्वागत करता है। तथापि हमने सरकार से ज्वेलरी मैन्युफैक्चरिंग के लिए उन फाइंडिग्स जो रॉ मटेरियल के रूप में उपयोग में लाए जाते हैं के शुल्क पर स्पष्टीकरण प्राप्त करेंगे । केंद्रीय वित्त मंत्री ने सोने और प्लेटिनम के साथ संरेखित करने के लिए चांदी के डोर, बार और वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव करके चांदी पर आयात शुल्क को भी रेशनलाइज्ड बनाया है। हालांकि चांदी के लिए आयात स्तर पर लगभग 5% शुल्क में वृद्धि का शुद्ध प्रभाव होगा, जिसके परिणामस्वरूप घरेलू स्तर पर चांदी के उत्पादों की कीमत में वृद्धि होगी।

उद्योग ने सोने/चांदी और प्लेटिनम पर आयात शुल्क में कमी की सिफारिश की थी जिस पर बजट में विचार नहीं किया गया। परिषद उद्योग के समग्र कल्याण के लिए आगे भी इसी तरह सरकार के समक्ष मुद्दों को प्रस्तुत करता रहेगा।

इनकम टैक्स सैल्ब की सीमा को 7 लाख रूपए तक किया गया है, जिससे रत्न तथा आभूषण उद्योग जगत से जुड़े कारीगरों को बड़ी संख्या में लाभ होगा। उच्चतम आयकर स्लैब में सरचार्ज में कमी से अधिकतम कर की दर घटकर 39% (42.74% से) हो जाएगी, जिससे ज्वेलर्स को लाभ होगा।

हम उम्मीद करते हैं कि पीएम विश्व कर्म कौशल सम्मान पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए सहायता का पैकेज 5,000 साल पुराने स्वदेशी रत्न और आभूषण उद्योग के लिए भी क्रियान्वित किया जाएगा।

हम निर्यात पर जोर देने की सराहना करते हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को तेज गति से आगे लेकर जानें मे सहायक है। जीजेईपीसी एमएसएमई के लिए संशोधित क्रेडिट गारंटी योजना और एमएसएमई द्वारा कोविड-19 के दौरान अनुबंध विफल होने की स्थिति में उद्यमों को जब्त की गई राशि का 95 प्रतिशत लौटाने के सरकार के आश्वासन का स्वागत करता है।

वित्त वर्ष 24 के लिए सरकार का केंद्रीय बजट India@100 तक एक अग्रणी वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में देश की प्रगति को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी दीर्घकालिक दृष्टि को दर्शाता है।