जीजेईपीसी के पहले वीबीएसएम में सिल्वर पर अधिक फोकस

इस मीट में अमेरिका, स्पेन, इटली, मैक्सिको, कनाडा, आयरलैंड, रूस-सीआईएस और लैटिन अमेरिका के 34 अंतरराष्ट्रीय खरीदारों ने हिस्सा लिया

जीजेईपीसी के तीन दिवसीय सिल्वर एंड फैशन और कॉस्टयूम ज्वेलरी हेतु आयोजित वर्चुअल क्रेता-विक्रेता मीट (वीबीएसएम) का गत 17 नवंबर, 2020 के दिन उद्घाटन हुआ। इस मीट में अमेरिका, स्पेन, इटली, मैक्सिको, कनाडा, आयरलैंड, रुस-सीआईएस और लैटिन अमेरिका के 34 अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों ने हिस्सा लिया।

सिल्वर वीबीएसएम लॉन्च अवसर पर भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुरेश कुमार ने कहा कि वर्चुअल क्रेता-विक्रेता प्लेटफ़ॉर्म आगामी दिनों में व्यापार के संचालन के लिए का नया क्षेत्र बनने जा रहा है। सिल्वर ज्वैलरी एक ऐसा सेक्टर है, जहां कोरोना महामारी के बावजूद रिकवरी तेजी से हुई है। अप्रैल से सितंबर 2020 तक इंडियन सिल्वर (प्लेन एवं स्टडेड सिल्वर ज्वैलरी) का निर्यात 864 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ, जो कि पिछले साल के निर्यात से लगभग 50% है। चांदी तुलनात्मक रुप से सस्ती होती है, इसलिए उपभोक्ता इसे ज्यादा खरीदते हैं। इसी वजह से चांदी आज सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली कमोडिटी है। हालांकि, कास्ट्युम और फैशन ज्वैलरी सेगमेंट पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि वर्तमान में भारत का हिस्सा 7 अरब डॉलर के विश्व बाजार का सिर्फ 2-3% है। मुझे यकीन है कि जीजेईपीसी इस संभावित सेगमेंट को विकसित करने में अग्रणी पहल करेगी।

जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि जीजेईपीसी द्वारा वीबीएसएम का आयोजन अत्यंत सफल रहा है। इसके फॉरमेट को एक्जीबीटर्स और बायर्स दोनों ने सराहा है। एक्जीबीटर्स को इससे फायदा हुआ है। उन्हें नए बाजारों तक पहुंचने का मौका मिला। भारत के सिल्वर ज्वैलरी (प्लेन और स्टडेड सिल्वर ज्वैलरी) का निर्यात वित्त वर्ष 2018-19 में 837.81 मिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2019-20 में 1.687 बिलियन डॉलर हो गया जो 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी दर्शाता है।

उन्होंने आगे कहा कि यह एक डेमोक्रेटिक मेटल है जिसकी मांग बढ़ती जा रही है क्योंकि आज के संदर्भ में यही एक किफायती मेटल है। चांदी के हैंडक्राफटेड आभूषणों चाहे वह प्लेन हो या स्टडेड, दोनों अपनी डिजाइन और लागत प्रभावी श्रम के कारण निर्यात के लिए बेहतरीन हैं। इसके अलावा, निरंतर सरकारी सपोर्ट और एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग कैपाबिलिटी के कारण भारत आज चांदी के ज्वैलरी निर्यात में तेजी से आगे आया है और विश्व में अपनी अग्रण्यता हासिल करने लगा है।

इस अवसर पर कॉलिन शाह ने अंतर्राष्ट्रीय जेम एंड ज्वैलरी शो (आईजीजेएस) के वर्चुअल फॉरमेट को लांच करने की भी घोषणा की। यह अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए एक विशेष निर्यात-उन्मुख शो है जो 18 से 22 जनवरी 2021 तक आयोजित किया जाएगा।

जीजेईपीसी के सिल्वर पैनल के संयोजक राम बाबू गुप्ता ने कहा कि आने वाले वर्षों में चांदी (प्लेन और स्टडेड सिल्वर ज्वैलरी) निर्यात बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि हम दुनिया भर से भारतीय चांदी के आभूषणों की भारी मांग देख रहे हैं। हमारे पास गुणवत्ता निर्माण द्वारा समर्थित मजबूत डिजाइन डेटाबेस है। स्टडेड डायमंड और प्रेसियस स्टोन्स आज हमारी मुख्य ताकत है। हमें दुनिया भर के प्रमुख बाजारों में चांदी के आभूषणों के सामान्य संवर्धन के लिए सरकार के समर्थन की आवश्यकता है और निर्यात शुरू करने के लिए एमएसएमई को सशक्त बनाना है। इससे निर्यात को कई गुना बढ़ाने में मदद मिल सकेगी।

सिल्वर और फैशन ज्वैलरी वीबीएसएम में भाग लेने वाले 10 एक्जीबीटर्स में कासा डी प्लाटा, जयपुर, निधि गोल्ड, मुंबई, कर्मा एंटरप्राइजेज, अहमदाबाद, अनिरुद्ध ज्वेल्स, जयपुर, आरजीएन ग्लोबल एंटरप्राइजेज, जयपुर, पिंकसिटी ज्वेलरी प्रा.लि., जयपुर, सिल्वर माउंटेन, जयपुर, श्रीहरिष्ठ मंगल एक्सपो इम्पो प्रा. लिमिटेड, जयपुर, मेसर्स भगवती ज्वैलर्स बीबी झवेरी, दिल्ली और डीडब्ल्यूएस ज्वैलरी प्रा.लि, जयपुर शामिल थे।