वल्र्ड डायमंड मार्क फाउंडेशन और रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद, भारत मिल कर दिल्ली में विेश हीरा सम्मेलन का आयोजन करेंगे

‘हीरा और हीरा के आभूषणों के उपभोक्ताओं के बाजार का भविष्य'

वल्र्ड डायमंड मार्क फाउंडेशन (डब्ल्यूडीएमएफ) ने रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद (जीजेईपीसी) भारत के साथ नजदीकी सहयोग से आगामी दिसंबर के दौरान नई दिल्ली में विेश हीरा सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। इसे भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का समर्थन भी प्राप्त है। ११-१२ दिसंबर २०१४ को आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम के दौरान दुनिया भर के बाजार में हीरा और हीरा जड़े आभूषणों के क्षेत्र में हो रहे बदलाव की झलक मिलेगी।

इस कार्यक्रम के दौरान दुनिया में हीरा खनन करने वाली शीर्ष कंपनियां, हीरा उत्पादक, हीरा और आभूषणों के निर्माता, खुदरा विक्रेता और इस उद्योग में रूचि रखने वाले संगठन भाग लेंगे। इसमें अंतराष्ट्रीय हीरा कारोबार में हो रहे बदलाव और महत्वपूर्ण मसलों पर भी चर्चा होगी। इस समय लक्जरी क्षेत्र में दुनिया भर में बदलाव हो रहा है और इस लक्जरी बाजार में हीरा की हिस्सेदारी कैसे बढ़े, यह सम्मेलन के केन्द्र में होगा। वल्र्ड डायमंड मार्क फाउंडेशन का ऐसा विेशास है कि इसके पहले के समर्थक ही अभी भी हीरा एवं हीरा जड़े आभूषणों की मांग को बढ़ाने में मदद करेंगे।

इस सम्मेलन के आयोजन का फैसला जीजेईपीसी के अध्यक्ष विपुल शाह और डब्ल्यूडीएमएफ के अध्यक्ष एलेक्स पोपोव की बैठक में हुआ।

इस अवसर पर श्री पोपोव ने कहा "दुनिया भर का हीरा उद्योग इस समय चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है। इस श्रेणी के लिए उपभोक्ताओं की मांग में बढ़ोतरी के लिए अथक प्रयास की जरूरत है और इस तरह से वैश्विक विपणन पर भी ध्यान देना होगा। विेश हीरा सम्मेलन इस दिशा में एक प्रयास है ताकि एक छत के नीचे उद्योग जगत से जुड़े सभी लोगों को एकत्रित किया जा सके और इस उद्योग का मार्ग प्रशस्त हो। मैं जीजेईपीसी को बधाई देना चाहता हूं कि उसने इसमें सहयोग देने का मन बनाया। यह भी बेहद महत्वपूर्ण है कि यह कार्यक्रम भारत की राजधानी नई दिल्ली में हो रहा है जहां कि बदलाव की बयार चल रही है। मैं निश्चित तौर पर कहा सकता हूं इस बयार का कुछ हिस्सा हमारे पास भी आएगा।"

जीजेईपीसी के अध्यक्ष विपुल शाह ने कहा "सम्मेलन का समय और स्थान इस बात का सबूत है कि रत्न एवं आभूषण उद्योग और व्यापार में भारत की भूमिका बदल रही है। भारत इस समय न सिर्फ दुनिया में सबसे ज्यादा हीरों का उत्पादन करता है बल्कि यहां आभूषणों का भी भारी मात्रा में निर्माण होता है। अंत में यह भी कह सकते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और इस देश के मध्यम वर्ग का रूझान अब लक्जरी की तरफ भी हो रहा है। और अब डब्ल्यूडीएमएफ के विपणन एवं संवद्र्धन के कार्यक्रमों का भी असर पड़ेगा और भारत में इसकी जमीन उर्वर हो सकेगी। हमें इस कार्यक्रम से काफी आशा है।"