गंझोउ पान्यू इकोनोमी एंड ट्रेड प्रोमोशन ब्यूरो, चीन और जीजेईपीसी, भारत ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया

समझौते के तहत पान्या डिस्ट, चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने के उपाय किये जाएंगे

रत्न एवं आभूषण निर्यात संवद्र्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने भारतीय रत्न एवं आभूषणों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए २३ अगस्त २०१४ को गंझोऊ पान्यू इकोनोमी एंड ट्रेड प्रोमोशन ब्यूरो, चीन के साथ एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। इससे रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में सहयोग तो बढ़ेगा ही, कारोबार और निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा। जीजेईपीसी के क्षेत्रीय निदेशक संजय सिंह और गंझाऊ पान्यू इकोनोमी एंड ट्रेड प्रोमोशन ब्यूरो के उप निदेशक ली रोंग ने जीजेईपीसी के उपाध्यक्ष श्री पंकज कुमार पारेख और क्षेत्रीय अध्यक्ष श्री राजीव जैन की उपस्थिति में इस सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।

इस समझौते से जयपुर के रत्न एवं आभूषण कारोबार को एक विशेष लाभ मिलेगा। गौरतलब है कि रंगीन कीमती पत्थरों के निर्माण एवं प्रसंस्करण के लिए जयपुर एक बड़ा केन्द्र है, जबकि चीन इस तरह के कीमती पत्थरों का एक बड़ा बाजार या उपभोक्ता है। चीन के आभूषण बाजार में कीमती पत्थरों की मांग धीरे धीरे बढ़ते हुए अब तेज हो गई है जो कि भारतीय निर्माताओं के लिए एक बेहतरीन अवसर साबित हो रहा है।

इस अवसर पर ‘योर गेटवे टू दि चाइना जेमस्टोन्स मार्केट‘ विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर रत्न के भारतीय निर्यातकों को बताया गया कि पान्यू सरकार ‘चाइना जेम सेंटर‘ में क्या क्या सुविधाएं प्रदान करती हैं। पान्यू डिस्ट्रीक्ट गवर्नमेंट के उप महापौर श्री चेन डे जुन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। अपने भाषण में उन्होंने भारतीय कारोबारियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि सितंबर में जब वह हांगकांग शो में भाग लेने जाएं तो वे वहां से प्रायोजित यात्रा पर पान्यू पहुंचें। वहां जा कर देखें कि चाइना जेम सेंटर में क्या क्या सुविधाएं हैं। भारतीय निर्यातकों ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे कि वह उच्च संभावना वाले चीनी बाजार में प्रवेश को उत्सुक हैं ताकि उनके कारोबार को तो गति मिले ही, भारत के लिए विदेशी मुद्रा भी अर्जित की जा सके।