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जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों के खुलने, ज्वेलरी की मांग बढ़ने और विभिन्न मुद्दों पर भारत के मजबूत समर्थन के कारण हमने ये मुकाम हासिल किया है। कच्चे रत्न और आभूषण वस्तुओं जैसे गोल्ड बार्स, सिल्वर बार्स, पैलेडियम, गोल्ड सिल्वर के आयात शुल्क में कमी आदि के साथ साथ, संशोधित स्वर्ण मुद्रीकरण योजना और ब्याज समानीकरण योजना भी निर्यात को बल मिला। कॉलिन शाह ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार और जीजेईपीसी द्वारा विभिन्न व्यापार शो आयोजित करने और व्यापार सदस्यों की दिन-प्रतिदिन की चुनौतियों को हल करने के निरंतर प्रयासों के साथ, आने वाले महीनों में निर्यात में उछाल आएगा। इसके अलावा, जीजेईपीसी अगस्त 2021 में दुबई में अपने एक प्रमुख व्यापार शो का आयोजन कर रहा है जो भारतीय निर्माताओं और व्यापारियों के मनोबल को और बढ़ाएगा और उनके निर्यात कारोबार को बढ़ावा देगा। भारत के अप्रैल-मई 2021 के निर्यात वृद्धि घरेलू टैरिफ के कारण हुई। मई 2021 में भारत का रत्न और आभूषण का कुल सकल निर्यात 10% घटकर 2.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर हुआ, जबकि मई 2019 में यह 3.20 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। मई 2021 में भारत का रत्न और आभूषण का निर्यात देश भर में कोविड की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में रुकावट के कारण नकारात्मक हुआ। देश के विभिन्न राज्यों में आंशिक और पूर्ण लॉकडाउन के चलते वर्कफोर्स क्षमता और मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटीज कमजोर रहीं। अप्रैल-मई, 2021 में कटे और पॉलिश किए गए हीरे (सीपीडी) का निर्यात 21% बढ़कर 4.26 बिलियन डॉलर हुआ, जबकि अप्रैल-मई, 2021 में यह 3.5 बिलियन डॉलर था। कोरोना महामरी प्रतिबंधों के साथ काम करने के बावजूद अमेरिका, चीन और यूरोप जैसे प्रमुख निर्यात बाजारों में मजबूत खुदरा मांग बनाए रखा। अप्रैल-मई, 2021 में भारत का कुल आभूषण निर्यात 42% घटकर 1.16 बिलियन अमेरिकी डॉलर हुआ। सिंगापुर, मलेशिया और दुबई जैसे प्रमुख गंतव्यों में पर्यटकों की कमी के कारण बिक्री में कमी आई। भारत से सादे सोने के आभूषणों का निर्यात अप्रैल-मई 2021 में 71% घटकर 434.11 मिलियन अमेरिकी डॉलर हुआ।
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