आईआईजी में वन महोत्सवः प्रकृति और रचनात्मकता का जश्न

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जेमोलोजी (आईआईजी) ने भारत के सालाना वृक्ष महोत्सव का जश्न मनाया जहां डिज़ाइन एवं इनोवेशन के साथ पर्यावरण के प्रति सजगता का अनूठा संयोजन देखने को मिला। देश भर में वृक्षों एवं पारिस्थितिकी संतुलन के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए वन महोत्सव आयोजित किया जाता है, जो आईआईजी के मूल्यों के अनुरूप है। आईआईजी रचनात्मकता द्वारा निर्मित एवं ज़िम्मेदारी के साथ स्थायित्व और प्रकृति से उत्पन्न उद्योग में प्रतिभा को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है।

ज्वैलरी डिज़ाइन एक कला है जो धरती से उत्पन्न रत्नों की चमक से प्रेरित होती है, वे रत्न जो पत्तियों, फूलों, आकाश, समुद्र का सार हैं। आईआईजी एक ऐसा संस्थान है जो रत्न एवं आभूषण की भावी दुनिया का संरक्षक है, इसका मानना है कि प्रकृति प्रेरणास्रोत होने के साथ-साथ मार्गदर्शक भी है। शिक्षा की तरह पेड़ों को भी फलने-फूलने में समय लगता है; उन्हें देखभाल की ज़रूरत होती है। दोनों भविष्य को आकार देने में कारगर हैं।

स्मारोह की शुरूआत हैड ऑफ डिपार्टमेन्ट, ज्वैलरी डिज़ाइन की सीओओ मिस गुंजन सपना के संबोधन के साथ हुई, जिन्होंने उपस्थितगणों को शक्तिशाली संदेश कियाः प्रकृति केवल हमारा जीवन स्रोत ही नहीं; बल्कि प्रेरणा का स्रोत भी है। हर शखा, हर फूल, प्रकृति के हर अवयव की अपनी कहानी है। ‘‘उनके शब्द हमें याद दिलाते हैं कि जब छात्र प्रकृति को संवेदनशीलता और जागरुकता के साथ देखते हैं, तब वे ज़िम्मेदाराना, सार्थक एवं रचनात्मक अभिव्यक्ति का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

अपने संबोधन में श्री राहुल देसाई, सीईओ एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, आईआईजी ने स्थायी भविष्य को आकार देने में संस्थानों एवं लोगों की भूमिका पर ज़ोर दिया। ‘‘यह हर व्यक्ति और हर संगठन की ज़िम्मेदारी है कि वह पर्यावरण के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करे। हमें मिलने वाला हर मौका एक सुनहरा अवसर है, जिस पर हमें विचार करना चाहिए और सोच-समझ कर सकारात्मक योगदान देना चाहिए। आईआईजी में हम न सिर्फ विचारों करने बल्कि इसे अंजाम देने को भी महत्व देते हैं।’

उन्होनें स्थायी प्रथाओं की ओर आईआईजी के बदलाव पर रोशनी डालीः जिसे डिजिटल ब्रोशर और कोर्स सामग्री अपनाकर अपने परिसर में प्लास्टिक के उपयोग को कम किया है। ये प्रयास पाठ्यक्रम, बुनियादी सुविधाओं एवं मूल्यों के माध्यम से पर्यावरण के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

प्रकृति से प्रेरित ज्वैलरी डिज़ाइन प्रतियोगिता कार्यक्रम का आकर्षण केन्द्र रही, जहां छात्रों ने प्राकृति दुनिया के सौंदर्य को ज्वैलरी डिज़ाइन की कला में उतारा। ऑरोरा बोरेलिस से प्रेरित मिस कृतिका जिवनानी के नैकलैस ने प्रतियोगिता में जीत हासिल की जो सौंदर्य के साथ प्रकृति के जादू और रहस्य का प्रतीक था।

पूरे कैंपस में वन महोत्सव को लेकर विशेष उत्साह दिखाई दिया, छात्रों ने स्थायित्व, जैव विविधता और वन्य जीवन पर ध्यान केन्द्रित करते हुए अपनी रचनाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

कार्यक्रम का समापन वृक्षारोपण अभियान के साथ हुआ, जहां हर प्रतिभागी को एक हरित उपहार दिया गया, जो विकास एवं ज़िम्मेदारी का प्रतीक था। आईआईजी के लिए वन महोत्सव एक परम्परा से कहीं बढ़कर है। आने वाले कल के ज्वैलरी प्रोफेशनल्स को आकार देते हुए संस्थान न सिर्फ डिज़ाइन की उत्कृष्टता बल्कि पर्यावरण की अखंडता में भी अग्रणी रहा है।