सरकार ने जीजेईपीसी द्वारा किम्बरली प्रक्रिया प्रमाणपत्रों के सत्यापन में संशोधन स्वीकार करने के लिए अधिसूचना जारी किया

भारत सरकार के विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 28 सितंबर को एक अधिसूचना जारी करके एसओपी और जीजेईपीसी के सत्यापन के आधार पर केपी सर्टिफिकेट में तकनीकी प्रकृति, टाइपोग्राफिकल त्रुटियों या अन्य त्रुटियों के संशोधन की अनुमति दी। यह संशोधित नियम रफ डायमंड्स के लंबित आयात पर भी लागू होगी।

जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि डायमंड सेक्टर में व्यापार को आसान करने की दिशा में यह अधिसूचना कारगर साबित होगा। इससे सीमा शुल्क विभाग में तकनीकी त्रुटियों के कारण पड़े हीरे के निकासी आयात पार्सलों को सुचारू करने में मदद मिलेगी। भारत 1514.70 लाख कैरेट रफ डायमंड्स कटिंग और पॉलिसिंग के लिए आयात करता है और प्रत्येक आयातित शिपमेंट के लिए केपी जरुरी होता है। जीजेईपीसी ने इसके लिए डीजीएफटी को अधिसूचना जारी करने के लिए धन्यवाद दिया और लंबे समय से लंबित मुद्दे को सुलझाने और केपी को मजबूत बनाने में सहयोग और मार्गदर्शन के लिए पीसीसीसी, राजस्व विभाग और वाणिज्य विभाग में सीमा शुल्क के प्रयासों की सराहना की।

जीपीईपीसी केपी प्रक्रिया के अनुसार विदेशों से आयात किए गए डायमंड्स की निकासी के लिए केपी जारी करने वाले प्राधिकरण से विदेशों में प्राप्त केपी प्रमाण पत्र को इंडोर्स करता है। यदि निर्यातक देश का केपी जारी होने के बाद प्रमाण पत्र में लिखित किसी भी बदलाव के संकेत देता है, तो डीजीएफटी ने जीजेईपीसी को ऐसे परिवर्तनों को इंडोर्स करने का अधिकार दिया है, जिसके आधार पर सीमा शुल्क द्वारा माल की निकासी की अनुमति दी जाएगी। इस तरह की अधिसूचना के अनुसार, जीजेईपीसी को सीमा शुल्क द्वारा अधिकृत निर्यात के मामलों के लिए विदेश में केपी सर्टिफिकेट जारी करने वाले प्राधिकरण से ईमेल संचार का भी अधिकार होगा। ऐसे पार्सल जीजेईपीसी द्वारा जारी किए जाने वाले तकनीकी प्रमाणपत्रों के साथ उक्त देश में फिर से निर्यात / वापस किए जा सकते हैं।

जीजेईपीसी किम्बरली प्रोसेस सर्टिफिकेशन स्कीम की नोडल एजेंसी है और देश में सभी केपी प्रमाणन का काम करती है, साथ ही केपी से संबंधित सभी मामलों पर अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करती है। केपीसीएस संयुक्त राष्ट्र द्वारा हीरों के व्यापार में कंफ्लिक्ट को रोकने का काम करती है। किम्बरली प्रक्रिया (केपी) त्रिपक्षीय प्रकृति की है जिसमें सदस्य राज्यों और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण संगठन शामिल हैं जो प्रतिभागियों और नागरिक समाज और उद्योग के पर्यवेक्षकों के रूप में किसी न किसी हीरे में व्यापार करने के लिए पात्र हैं। इसमें 82 देशों के 56 प्रतिभागियों का प्रतिनिधित्व है। इन प्रतिभागियों में प्रमुख हीरा उत्पादक, निर्यातक और व्यापारिक देश शामिल हैं।

जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के बारे में

जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) की स्थापना 1966 में भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए की गई। यह कई एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल्स में से एक है। इसकी स्थापना आजादी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में मजबूत बनाना था। वर्ष 1998 से जीजेईपीसी को स्वायत्त दर्जा दिया गया है। जीजेईपीसी जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री की सर्वोच्च निकाय है और आज यह डायमंड इंडस्ट्री के 7000 निर्यातकों का प्रतिनिधित्व करता है। इसका मुख्यालय मुंबई में है। साथ ही नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, सूरत और जयपुर में इसके क्षेत्रीय कार्यालय हैं। इस प्रकार इसकी व्यापक पहुंच है और सदस्यों के साथ प्रत्यक्ष और अधिक सार्थक तरीके से सेवा करने के लिए उनके साथ निकट संपर्क रखने में सक्षम है। पिछले दशकों में, जीजेईपीसी सबसे सक्रिय ईपीसी के रुप में उभरा है, और लगातार अपनी प्रचार गतिविधियों से अपनी पहुंच को और मजबूती और गहराई प्रदान करते हुए अपने सदस्यों सतत बेहतरीन सेवाएं देने का प्रयास किया है।