जीजेईपीसी के नए चेयरमैन कॉलिन शाह और वाइस चेयरमैन विपुल शाह ने पदभार संभाला

कॉलिन शाह
अध्यक्ष
विपुल शाह
उपाध्यक्ष
मुंबई। भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के तत्वावधान में कार्यरत भारत के जेम्स एंड ज्वैलरी की अग्रणी संस्था जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के नए चेयरमैन कॉलिन शाह को जीजेईपीसी के निवर्तमान अध्यक्ष प्रमोद कुमार अग्रवाल ने २३ जून को पदभार सौंपा। इसके अलावा, विपुल शाह को जीजेईपीसी के नए उपाध्यक्ष के रूप में चुना। इन्होंने भी २३ जून से पदभार ग्रहण कर लिया है। इस नये प्रबंधन का कार्यकाल दो वर्षों के लिए वर्ष २०२२ तक होगा। जीजेईपीसी के मुताबिक चेयरमैन और वाइस चेयरमैन दोनों का इंडस्ट्री में अत्यंत सफल ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। कॉलिन शाह जीजेईपीसी के वाइस चेयरमैन थे जबकि विपुल शाह को जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से चुना गया है।

इस नियुक्ति से पहले, कॉलिन शाह ने वर्ष २०१२ से जून २०२० तक सीओए के सदस्य के रूप में काम किया, जब विपुल शाह ने इसी अवधि में जीजेईपीसी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।

वर्ष २०२० से २०२२ तक के लिए चुने के गये नए सीओए के अन्य प्रमुख नियुक्तियों में अशोक गजेरा (क्षेत्रीय अध्यक्ष-पश्चिम), प्रकाश पिंचा (क्षेत्रीय अध्यक्ष-पूर्व), निर्मल बरडिया (क्षेत्रीय अध्यक्ष-राजस्थान), दिनेश नवडिया ( क्षेत्रीय अध्यक्ष-गुजरात), महेन्द्र तायल (क्षेत्रीय अध्यक्ष-दक्षिण), अशोक सेठ (क्षेत्रीय अध्यक्ष-उत्तर); डायमंड पैनल में संजय शाह, दिलीप शाह, मिलन चोकशी, रसेल मेहता, संजू कोठारी, चिराग लखी, अनिल विरानी, मनीष जिवानी; शैलेश सांगानी, के श्रीनिवासन, मनसुख कोठारी, स्वर्ण आभूषण में सुवनकर सेन और अन्य कीमती आभूषण आभूषण पैनल; महेंद्र अग्रवाल और विजय केडिया रंगीन रत्न पत्थर और मोती पैनल में; सिल्वर पैनल में राम बाबू गुप्ता और विदेशी पर्यटक पैनल को सेल्स में बद्रीनारायण गुप्ता शामिल हैं।

वर्ष 2020 से 2022 तक के लिए चुने के गये नए सीओए के अन्य प्रमुख नियुक्तियों में अशोक गजेरा (क्षेत्रीय अध्यक्ष-पश्चिम), प्रकाश पिंचा (क्षेत्रीय अध्यक्ष-पूर्व), निर्मल बरडिया (क्षेत्रीय अध्यक्ष-राजस्थान), दिनेश नवडिया ( क्षेत्रीय अध्यक्ष-गुजरात), महेन्द्र तायल (क्षेत्रीय अध्यक्ष-दक्षिण), अशोक सेठ (क्षेत्रीय अध्यक्ष-उत्तर); डायमंड पैनल में संजय शाह, दिलीप शाह, मिलन चोकशी, रसेल मेहता, संजू कोठारी, चिराग लखी, अनिल विरानी, मनीष जिवानी; शैलेश सांगानी, के श्रीनिवासन, मनसुख कोठारी, स्वर्ण आभूषण में सुवनकर सेन और अन्य कीमती आभूषण आभूषण पैनल; महेंद्र अग्रवाल और विजय केडिया रंगीन रत्न पत्थर और मोती पैनल में; सिल्वर पैनल में राम बाबू गुप्ता और विदेशी पर्यटक पैनल को सेल्स में बद्रीनारायण गुप्ता शामिल हैं।

नई नियुक्ति पर जीजेईपीसी के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने कहा कि भारत और दुनिया भर में चल रहे कोरोना महामारी कोविद-19 संकट के कारण जीजेईपीसी में नया कार्यकाल तीव्र अनिश्चितताओं के बीच शुरू हुआ है। इस इंडस्ट्री में अब बदलाव की मांग हो रही है। जीजेईपीसी डिजिटलाइजेशन के जरिए ग्राहकों तक पहुंचने के नए रास्ते तलाश रहा है ताकि इंडस्ट्री में नई मांग निकले। उन्होंने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि हमारे इंडस्ट्री के हर क्षेत्र में कारोबारियों की मजबूत टीम है। हमें विश्वास है कि हम सभी इंडस्ट्री के हित में सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे, खासकर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के साथ, ताकि विश्व मार्केट की प्रतिस्पर्धा में हम सक्षम रहें। श्री शाह ने आगे कहा कि व्यापार को और आसान बनाने के लिए अनुकूल नीतियों के निर्माण, बैंक फाइनेंस की उपलब्धता, एमएसएमई को बढ़ावा देना, व्यापार और व्यवसाय में ई-कॉमर्स का लाभ उठाना जैसे कुछ मुद्दे हैं, जिसे हम सबसे पहले संबोधित करना चाहेंगे। हम एकसाथ मिलकर बिजनेस के अवसर तलाशने के साथ साथ दृढ़ विश्वास और गति को बढ़ाएंगे।

जीजेईपीसी के नए वाइस चेयरमैन विपुल शाह ने कहा कि जीजेईपीसी के साथ जुड़ना सौभाग्य की बात है। जेम्स एंड ज्वैलरी के निर्यात कारोबार में भारत वैश्विक स्तर पर मुकाम हासिल कर चुका है। भारतीय आभूषण निर्यात के विकास के जबरदस्त अवसर हैं और प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी का भी विजन आत्मनिर्भर भारत भी हमारे सामने है। इसे पूरा करना हमारा ध्येय है और अगले पांच साल में इस हम भारतीय ज्वैलरी निर्यात का सबसे समृद्ध वैश्विक केंद्र बनाना चाहते हैं।

विपुल शाह ने आगे कहा कि मौजूदा माहौल भारतीय रत्न और आभूषण निर्यात के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है। हालांकि हम आशावादी हैं कि वैश्विक खपत इस साल की दूसरी छमाही में बढ़ेगी और वैश्विक व्यापार ऊपर की ओर बढ़ेगा। रत्न और आभूषण क्षेत्र में बैंक फाइनेंस, शिल्पकार और कारीगरों की कौशल वृद्धि, सोने का मुद्रीकरण आदि कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें प्राथमिकता पर संबोधित करने की जरूरत है।

जीजेईपीसी ने रत्न और आभूषण निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार को कई अभ्यावेदन और सिफारिशें दी हैं और उम्मीद है कि सरकार जल्द ही कुछ सकारात्मक व्यापार उपाय करेगी। काउंसिल ने इंडस्ट्री के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा है जो सरकार की ओर से प्रोत्साहक काम है। यह पैकेज आर्थिक गति को और गति प्रदान करेगा।